नई दिल्‍ली। भारत और पाकिस्‍तान के बीच लंबे समय से बंद है। वर्ष 2019 में भारत ने लाइन आफ कंट्रोल से होने वाले व्‍यापार पर भी पाबंदी लगा दी है। इसकी वजह व्‍यापार में होने वाली करेंसी को लेकर छिड़ा विवाद था। लेकिन अब इसके दोबार शुरू होने की कुछ उम्‍मीद बनती दिखाई दे रही है। इसकी वजह पाकिस्‍तान से आया वो बयान है जिसमें इसको लेकर बातचीत शुरू करने की संभावना जताई गई है। दरअसल, पाकिस्‍तान के वित्‍त मंत्री ने कहा है कि भारत से सब्जियां आयात करने पर विचार किया जा सकता है। एक टीवी चैनल से बात करते हुए उन्‍होंने इस संभावना पर जोर दिया है।

आपको बता दें कि पाकिस्‍तान में बाढ़ से हालात बेहद खराब हो चुके हैं। 1 हजार से अधिक लोगों की इसमें मौत हो चुकी है। हजारों हैक्‍टेयर खेती योग्‍य भूमि जलमग्‍न हो चुकी है। फसल खराब हो गई है। ऐसे में पाकिस्‍तान के सामने अपने लोगों का पेट भरना भी मुश्किल हो रहा है। देश में खाद्य पदार्थों की कमी की वजह से पहले से ही कीमतें सातवें आसमान पर हैं। वहीं देश की मुद्रा भी काफी कमजोर हो चुकी है। ऐसे में पाकिस्‍तान को एक बार फिर से भारत से उम्‍मीदें लगी हुई हैं।

आपको बता दें कि दोनों देशों के बीच जब 2005 में जम्‍मू कश्‍मीर में एलओसी पर व्‍यापार शुरू हुआ था तब करीब 1.2 अरब डालर का व्यापार हुआ था। इससे 1.70 लाख लोगों को काम भी मिला था और केवल माल ढुलाई से ही 8.8 करोड़ डालर का रिवेन्‍यू जनरेट हुआ था।

भारत के पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली (PHD) चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के आंकड़े पर ही यदि नजर डालें तो पता चलता है कि आजादी के बाद दोनों देशों के बीच 70 फीसद व्‍यापार होता था। धीरे-धीरे इसमें कमी आती चली गई। वर्ष 2018 में यह 1 फीसद से भी कम हो गया। 5 अगस्त 2019 को जब केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किया तो ये बिल्‍कुल ही बंद हो गया।

वरिष्‍ठ राजनीतिक विश्‍लेषक कमर आगा मानते हैं कि दोनों देशों के बीच व्‍यापार शुरू हो सकता है। इसको लेकर अंदरखाने कूटनीतिक स्‍तर पर बात भी चल रही है। उनके मुताबिक जब से दोनों देशों में व्‍यापार बंद हुआ है तब से पाकिस्‍तान में भारतीय सामान दुबई के तहत जा रहा है। लेकिन ये पाकिस्‍तान को महंगा पड़ता है। यदि ये सीधे शुरू होता है तो पाकिस्‍तान को ये सस्‍ता पड़ेगा। उनके मुताबिक फिलहाल दोनों देशों के बीच व्‍यापार से आगे किसी तरह का समझौता होना मुश्किल है। न ही इस समझौते से राजनीतिक स्‍तर पर कोई बड़ा बदलाव होगा। भारत कभी भी पाकिस्‍तान के लोगों से नफरत नहीं करता है। लेकिन जम्‍मू कश्‍मीर में पाकिस्‍तान प्रायोजित आतंकवाद जब तक बंद नहीं होता है तब तक स्थिति जस की तस बनी रहेगी।