लखनऊ. समाजवादी पार्टी के नेता की बयानबाजी लगातार जारी है. रामचरितमानस पर विवादित बयान देने के बाद अब उन्होंने संतों, महंतों और धर्माचार्यों के बयानों पर पलटवार जारी करना शुरू कर दिया है। वहीं जब भाजपा ने जब साधु-संतों को दिए गए बयान पर सपा से जवाब मांग तो स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर से पलटवार कर दिया है.

उन्होंने कहा कि “धर्म की दुहाई देकर आदिवासियों, दलितों-पिछड़ों व महिलाओं को अपमानित किए जाने की साजिश का विरोध करता रहूँगा, जिस तरह कुत्तों के भौंकने से हाथी अपनी चाल नहीं बदलती उसी प्रकार जब तक इनको सम्मान नही मिलेगा मैं भी अपनी बात नहीं बदलूंगा.“

इससे पहले सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था, “देश की महिलाओं, आदिवासियों, दलितों एवं पिछड़ों के सम्मान की बात क्या कर दी, मानो भूचाल आ गया. एक-एक करके संतो, महंतों, धर्माचार्यों का असली चेहरा बाहर आने लगा. सिर, नाक, कान काटने पर उतर आये. कहावत सही है कि मुंह में राम बगल में छुरी. धर्म की चादर में छिपे, भेड़ियों से बनाओ दूरी.“ स्वामी प्रसाद मौर्य ने संतो, महंतों और धर्माचार्यों के बयानों पर पलटवार करते हुए कहा था, “अभी हाल में मेरे दिये गये बयान पर कुछ धर्म के ठेकेदारों ने मेरी जीभ काटने एवं सिर काटने वालों को इनाम घोषित किया है, अगर यही बात कोई और कहता तो यही ठेकेदार उसे आतंकवादी कहते, किंतु अब इन संतों, महंतों, धर्माचार्यों व जाति विशेष लोगों को क्या कहा जाए आतंकवादी, महाशैतान या जल्लाद.“

सपा एमएलसी ने धीरेंद्र शास्त्री पर हमला बोलते हुए ट्वीट कर कहा, कि “अभी तक शूद्र वर्ण व्यवस्था का एक अंग था और अब हनुमान धाम के शास्त्री के अनुसार संतुलन खोने वाला शूद्र होता है. नए ज्ञान के लिए धन्यवाद, मतलब यह मान लें कि मेरे बयान पर जिन संतों, महंतों, धर्माचार्यों व जाति विशेष ने पागलों की तरह संतुलन खोकर अनाप-शनाप कहा है वह सभी शूद्र व नीच हैं.“