मुजफ्फरनगर. मुजफ्फरनगर पुलिस और प्रशासन जुमे की नमाज के मद्देनजर विशेष अलर्ट पर है। संवेदनशील क्षेत्रों में पुलिस तैनात है और अधिकारी फोर्स के साथ गश्त कर रहे हैं। गुरुवार को पुलिस ने फुल बाडी प्रोटेक्टर के साथ दंगा नियंत्रण का रिहर्सल किया था। मुस्लिम धर्म गुरुओं एवं समाज के जिम्मेदार लोगों ने भी पुलिस तथा प्रशासन को विश्वास दिलाया था कि शांति कायम रहेगी। एक सप्ताह के दौरान मुस्लिम समाज की और से भी जुमे के दिन किसी भी प्रदर्शन को लेकर विरोधी स्वर उठते रहे हैं।

2019 को सीएए तथा एनआरसी के विरोध में हुए प्रदर्शन के बाद से जिला शांत चल रहा है। 20 दिसंबर 2019 को जुमे की नमाज के बाद शहर भर में हिंसा हुई थी। इस दौरान शहर के मदीना चौक तथा मीनाक्षी चौक पर उपद्रवियों ने हंगामा करते हुए आगजनी की थी। आर्य समाज रोड पर एक युवक की हत्या कर दी गई थी। जिसके बाद शिव चौक पर दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए थे। जमकर पत्थरबाजी हुई। उपद्रवियों पर तोड़फोड़, आगजनी, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने सहित विभिन्न आरोपों में करीब 35 मुकदमे दर्ज किये गए थे। जबकि सैंकड़ो लोगों को गिरफ्तार किया गया। लेकिन उसके बाद से जिले में पूरी तरह शांति है। 20 दिसंबर की घटना के बाद से जिले में जुमे की नमाज के बाद काई भी बड़ा विरोध प्रदर्शन नहीं हुआ।

जुमे की नमाज को लेकर गुरुवार को मुस्लिम धर्म गुरुओं से डीएम चन्द्रभूषण सिंह तथा एसएसपी अभिषेक यादव ने संवाद किया था। जिला पंचायत सभागार में मुस्लिम धर्म गुरुओं को नमाजियों के लिए बिजली, पानी की आपूर्ति सुनिश्चित कराने एवं सफाई का आश्वासन दिया था। इसके साथ ही धर्म गुरुओं ने जुमे की नमाज के बाद किसी भी प्रकार के प्रदर्शन से दूर रहने तथा समाज के लोगों को शांति बनाए रखने के लिए प्रेरित करने का आश्वासन पुलिस को दिया था।

जुमे की नमाज के मद्देनजर पुलिस तथा प्रशासन लगातार अलर्ट चल रहा है। प्रदेश सहित देश के विभिन्न हिस्सों में जुमे की नमाज के बाद हुए हिंसक प्रदर्शन तथा हंगामे के मद्देनजर जिला पुलिस तथा प्रशासन ने व्यापक इंतजाम किये हैं। पुलिस लगातार दंग नियंत्रण का रिहर्सल कर रही है। शुक्रवार को भी संवेदनशील स्थानों पर सुबह से ही फोर्स तैनात किया गया है। शहर के खालापार, मदीना चौक, मल्हुपुरा, लद्धावाला आदि स्थानों पर पुलिस संवेदनशील माने जाने वाले क्षेत्रों में द्रोन कैमरों से नजर रख रही है। जिले के जानसठ, बुढाना, खतौली, शाहपुर, चरथावल आदि क्षेत्रों में भी स्थानीय पुलिस गश्त कर रही है।

प्रदेश सहित देश के विभिन्न हिस्सों में जुमे की नमाज के बाद प्रदर्शन के हिंसक रूप लेने की घटनाओं को मद्देनजर रखते हुए समाज के जिम्मेदार अब इस दिन किसी भी प्रदर्शन को गलत ठहरा रहे हैं। गत जुमे की नमाज के बाद हुए हंगामे के उपरांत पुरकाजी के चेयरमैन जहीर फारूखी ने भी वीडियो बयान जारी कर जुमे के दिन को प्रदर्शन से अलग रखने की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि जुमे का दिन इबादत का दिन है। इस दिन लोग नमाज के लिए जमा होते हैं, उन्हें किसी भी प्रदर्शन में शामिल करना गलत है। इस दौरान हंगामा हो जाता है, जिसके चलते जुमे के दिन को धीरे-धीरे शक की निगाह से देखा जाने लगेगा। कई अन्य लोगों की और से भी इसी प्रकार की अपील की गई। मुस्लिम समाज के लोग धीरे धीरे अब यह बात मान रहे हैं, कि जुमे के दिन किसी भी प्रकार का प्रदर्शन नमाज को नाहक शक के घेरे में लाकर खड़ा कर सकता है।