बागपत। छपरौली कस्बे में अप्रशिक्षित चिकित्सक के क्लीनिक पर उपचार के दौरान नौवीं कक्षा की छात्रा पिंकी की मौत हो गई। परिजनों ने चिकित्सक पर सही उपचार नहीं करने का आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया। साथ ही सड़क पर जाम लगा दिया। एसडीएम ने कार्रवाई का आश्वासन देकर दो घंटे बाद जाम खुलवाया। कस्बे की बुवाला पट्टी की रहने वाली ममता ने बताया कि उसकी बेटी पिंकी (16) कस्बे के एक स्कूल में कक्षा नौ में पढ़ती थी। बृहस्पतिवार दोपहर को उसके पेट में अचानक तेज दर्द हुआ। वह बेटी को कस्बे के ही एक चिकित्सक के क्लीनिक पर लेकर गई तो उसने बेटी को वहां भर्ती करके कई इंजेक्शन लगाते हुए उपचार शुरू कर दिया।
इसके बाद भी बेटी के स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं हुआ और वह परिजनों को जल्द ही आराम लगने की बात कहकर गुमराह करता रहा। शाम लगभग पांच बजे उपचार के दौरान छात्रा की मौत हो गई। इसका पता चलने पर परिजनों ने चिकित्सक पर उपचार में लापरवाही बरतने और सही दवाई नहीं देने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। किशोरी के परिजनों ने कस्बे में रठौड़ा मार्ग पर जाम लगाकर चिकित्सक पर मुकदमा दर्ज कराने की मांग की। परिजन करीब दो घंटे तक सड़क जाम करके बैठे रहे।
सूचना पर एसडीएम अमन चंद वर्मा और थाना पुलिस वहां पहुंची। लोगों ने बताया कि वह अप्रशिक्षित चिकित्सक है और उसका स्वास्थ्य विभाग में पंजीकरण भी नहीं है। इन सभी की जांच कराने की मांग की गई। एसडीएम ने परिजनों को किसी तरह समझाकर शांत कराया। एसडीएम ने मृतका के परिजनों को चिकित्सक के खिलाफ जांच कर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। इसके साथ ही बताया गया कि उसे पुलिस हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।
ममता के पति लीलू की दस साल पहले बीमारी के कारण मौत हो गई थी। इसके बाद तीन बेटियों व एक बेटे के साथ ममता मजदूरी करके जीवन बिता रही थी। अब उसकी एक बेटी की मौत हो गई और 18 की बड़ी बेटी व 15 वर्ष की छोटी बेटी के अलावा आठ वर्षीय एक बेटा है।
छात्रा की मौत के बारे में जानकारी मिली है, उसका कोई पंजीकरण स्वास्थ्य विभाग के पास नहीं होने की बात सामने आई है। इसकी जांच कराई जा रही है और इसमें स्वास्थ्य विभाग की तरफ से भी कार्रवाई की जाएगी। – डॉ. राजकमल, अधीक्षक सीएचसी छपरौली