नई दिल्ली। जीभ के रंग और इसकी आकृति में बदलाव के आधार पर कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का अंदाजा लगाया जा सकता है। यही कारण है कि अक्सर जब आप डॉक्टर के पास जाते हैं तो वह मुंह खोलने और जीभ बाहर करने को कहते हैं। असल में जीभ के रंग के आधार पर आपके शरीर में पनप रही कई तरह की समस्याओं का अंदाजा लगाया जा सकता है। जीभ का रंग हल्का गुलाबी रहना सामान्य माना जाता है पर इसके रंग में होने वाला अन्य प्रकार का बदलाव कई तरह की गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं की तरफ इशारा भी हो सकता है जिसके बारे में सभी लोगों को सतर्कता बरतते रहने की सलाह दी जाती है।

डॉक्टरों का मानना है कि हमारी जीभ हर समय एक जैसी गुलाबी नहीं रहती है। कभी-कभी यह पीली, सफेद या गहरे लाल रंग की भी हो सकती है। रंगों में ये बदलाव इस बात का संकेत हैं कि शरीर में चिकित्सकीय रूप से सबकुछ सही नहीं है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं कि यदि आपको भी अपनी जीभ में कुछ असामान्य सा बदलाव या रंग में अजीब सा परिवर्तन दिख रहा है तो इस बारे में जरूर किसी विशेषज्ञ से सलाह ले लें। ऐसा करके आप किसी गंभीर बीमारी या संक्रमण को शुरुआती अवस्था में ही पहचान कर उसका उपचार कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि जीभ के रंग में बदलाव के आधार पर सेहत के बारे में किस प्रकार से अंदाजा लगाया जा सकता है? क्या जीभ देखकर भी डायबिटीज का पता लगाया जा सकता है?

जीभ का पीलापन आमतौर पर बैक्टीरिया के विकास के कारण होता है। गड़बड़ ओरल हाइजीन और मुंह में शुष्की के कारण भी बैक्टीरिया पनपने लगते हैं, जिससे कई प्रकार के संक्रमण का खतरा हो सकता है। जीभ का पीला होना सामान्यतौर पर पीलिया का एक लक्षण माना जाता है पर क्या आप जानते हैं कि यह डायबिटीज का भी संकेत हो सकता है? साल 2019 के एक अध्ययन से पता चलता है कि पीली जीभ मधुमेह का संकेत हो सकती है, जिसपर गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता होती है।

सामान्यतौर पर जीभ पर केराटिन के जमा होने के कारण जीभ में कालेपन की समस्या हो सकती है। केराटिन त्वचा, बालों और नाखूनों में पाया जाने वाला एक प्रोटीन है।जेनेटिक एंड रेयर डिजीज इंफॉर्मेशन सेंटर के अनुसार, केराटिन बिल्डअप के कारण जीभ काली और बालों वाली हो सकती है। ओरल हाइजीन की समस्या, कुछ प्रकार की एंटीबायोटिक्स दवाओं या फिर तंबाकू के सेवन के कारण केराटिन जमा होने लगता है।

यदि आपकी जीभ हल्की पीली होने के साथ उसके आसपास सफेद धब्बे दिख रहे हैं तो यह फंगल संक्रमण की समस्या या ओरल थ्रश का संकेत माना जाता है। ओरल थ्रश काफी दर्दकारक स्थिति होती है जिसमें जीभ पर मोटे, सफेद या लाल धब्बे बन सकते हैं। इस स्थिति में व्यक्ति को निगलने या खाने में परेशानी हो सकती है। जीभ पर सफेद धब्बे होने का एक अन्य संभावित कारण ल्यूकोप्लाकिया भी है। इस स्थिति के कारण जीभ पर सफेद धब्बे या प्लाक बन जाते हैं, यह अक्सर धूम्रपान के परिणामस्वरूप होता है।

जीभ लाल या ऊबड़-खाबड़ जैसा दिखना विटामिन-बी की कमी का संकेत हो सकता है। उबड़-खाबड़ जीभ की स्थिति को ग्लोसिटिस का संकेत भी माना जाता है जिसके कारण जीभ में सूजन आ जाती है। कुछ स्थितियों में यह कावासाकी रोग का भी संकेत हो सकता है। विटामिन-बी की कमी के कारण तंत्रिकाओं और कई प्रकार की अन्य समस्याओं का खतरा हो सकता है जिसके बारे में सभी लोगों को विशेष सावधानी बरतते रहने की आवश्यकता होती है।