मुजफ्फरनगर। पेराई सत्र 2022-23 के लिए गन्ना क्षेत्रफल के आंकलन के लिए विभाग ने गन्ना सर्वेक्षण नीति जारी कर दी है। सर्वेक्षण नीति में 20 अप्रैल से गन्ना सर्वेक्षण कार्य शुरू कराकर 20 जून तक कार्य पूरा कराया जाएगा। जिले में गेहूं फसल कटाई के बाद बड़े क्षेत्रफल में गन्ना बुवाई की जाती है। 20 अप्रैल तक गेहूं कटाई भी नहीं होगी। दूसरी ओर, जिले की सभी चीनी मिलों में पेराई जारी है। चीनी मिलें मई के दूसरे पखवाड़े में अपना पेराई सत्र समाप्त करेंगी। ऐसे में गन्ना सर्वेक्षण कार्य कराना मिलों व गन्ना विभाग के लिए चुनौती होगा।
प्रदेश के आयुक्त, गन्ना एवं चीनी संजय आर. भूसरेड्डी ने पेराई सत्र 2022-23 के लिए गन्ना सर्वेक्षण नीति जारी कर दी है। गन्ना विभाग व चीनी मिलों के लिए गन्ना सर्वेक्षण एक महत्वपूर्ण कड़ी है। यदि गन्ना सर्वेक्षण सही होता है, तो आगे भी सब कुछ ठीक रहता है। इस बार गन्ना सर्वेक्षण कार्य आगामी 20 अप्रैल से आरम्भ होकर 20 जून तक पूर्ण किया जाएगा। सर्वे कार्य में शुद्धता, पारदर्शिता और गन्ना किसानों की समस्याओं का त्वरित निस्तारण होगा। शत-प्रतिशत सर्वे कार्य जीपीएस से कराया जाएगा। सर्वे कार्य के साथ आनलाइन घोषणा-पत्र न भरने वाले गन्ना कृषकों का सट्टा आगामी पेराई सत्र 2022-23 में विभाग को बंद करने के निर्देश दिए गए हैं। आगामी पेराई-सत्र के लिए 30 सितम्बर तक बनाए गए सदस्यों को ही गन्ना आपूर्ति की सुविधा मिलेगी। उपज बढ़ोतरी के लिए भी 30 सितम्बर तक आवेदन लिए जाएंगे।
जनपद में गेहूं कटाई के बाद खाली हुए खेतों में बड़े क्षेत्रफल में गन्ना बुवाई की जाती है। जिले की सभी चीनी मिलें मई में अपना पेराई सत्र समाप्त करेंगी। मिलों व गन्ना विभाग के लिए गन्ना सर्वेक्षण चुनौती के रूप में होगा।
जिला गन्ना अधिकारी डा. आरडी द्विवेदी ने बताया कि पछेती गन्ना बुवाई होने तथा मिलें मई माह तक चलने पर गन्ना सर्वेक्षण कार्य में दिक्कतें तो आएंगी, लेकिन जैसे-जैसे कुछ गन्ना क्रय केंद्र बंद होते जाएंगे, जीपीएस लगे कम्प्यूटर भी खाली होंगे। ऐसे कर्मचारियों की टीम बनाकर गन्ना सर्वेक्षण कार्य में लगाया जाएगा।