मुजफ्फरनगर। जिले में 14 साल बाद गन्ने के दामों को लेकर प्राइसवार छिड़ गई है। चीनी मिल किसानों को 370 रुपये प्रति क्विंटल के दाम दे रही है। जबकि कोल्हुओं पर 420 रुपये क्विंटल तक गन्ना बिक रहा है।
इस बार पैदावार पर असर पड़ा तो गन्ना किसानों को कोल्हू पर मनमाफिक भाव मिल रहा है। बाजार में चीनी और गुड़ के दामों में तेजी होने के कारण गन्ने के दामों में तेजी आ गई है। जनपद में 85 प्रतिशत किसान गन्ने की खेती कर रहे हैं। दो लाख हेक्टेयर जोत की जमीन में से एक लाख 76 हजार हेक्टेयर जमीन में किसान गन्ने की खेती कर रहे हैं। गन्ने में बसपा सरकार के दौरान 2011 में प्राइसवार छिड़ी थी।
प्रदेश सरकार के घोषित दामों से अधिक में किसानों से गन्ना खरीदा गया था। इस प्राइसवार में कोल्हू और चीनी मिल दोनों शामिल रहे थे। 2024 में एक बार फिर ऐसा हो गया है। चीनी मिलों में गन्ना में मूल्य 370 रुपये क्विंटल दिया जा रहा है। कोल्हुओं पर 380 रुपये से लेकर 420 रुपये क्विंटल तक गन्ना बिक रहा है।
पुरकाजी क्षेत्र के सुवाहेड़ी के कोल्हू ठेकेदार रागिब, सालिम, फुरकान का कहना है कि इस बार हम लोग 400 से लेकर 420 रुपये क्विंटल तक गन्ना खरीद रहे हैं। बाजार में गुड़ के अच्छे दाम होने से कोल्हू संचालक भी मुनाफे में हैं। बुढ़ाना क्षेत्र के सरनवाली के कोल्हू संचालक सुरेंद्र का कहना है कि हमारे यहां 370 से 390 रुपये तक गन्ना खरीदा जा रहा है। भोपा क्षेत्र के गड़वाडा के कोल्हू ठेकेदार योगेश सिवाच का कहना है कि हमारे यहां 400 रुपये क्विंटल गन्ना खरीदा जा रहा है।
किसान नेता धर्मेंद्र मलिक का कहना है कि 2011 के बाद पहली बार गन्ने को लेकर प्राइसवार की स्थिति है। कोल्हू मिलों से अधिक दाम में खरीद रहे हैं। चीनी मिल दलालों के माध्यम से अधिक दाम में गन्ना खरीद रही है। इन्हें सीधे किसानों को अधिक दाम देने की घोषणा करनी चाहिए।
गुड़ मंडी एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय मित्तल का कहना है कि इस बार मंडी में गुड़ के दामों में तेजी है। गुड़ मंडी में 3750 रुपये क्विंटल बिक रहा है। कोल्हू संचालकों को 400 रुपये क्विंटल खरीदने में भी लाभ है। लंबे समय कोल्हू पर गन्ने के अधिक दाम हैं।