पॉर्ल. टीम इंडिया ने साउथ अफ्रीका दौरे का शानदार आगाज किया था. टीम ने पहला टेस्ट जीता था. लेकिन उसे अंतिम दोनों टेस्ट में हार मिली. अब टीम वनडे सीरीज में भी अच्छी शुरुआत नहीं कर सकी है. साउथ अफ्रीका ने पहले मैच में भारत को 31 रन से हराया. इसके साथ उसने 3 मैचों की सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली है. साउथ अफ्रीका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 4 विकेट पर 296 रन बनाए थे. जवाब में भारतीय टीम 8 विकेट पर 265 रन ही बना सकी. सीरीज का दूसरा मुकाबला 21 जनवरी को खेला जाना है. भारत की हार के 5 बड़े कारण इस तरह रहे.

टीम ने प्लेइंग-11 में ऑलराउंडर वेंकटेश अय्यर को मौका दिया था. लेकिन इस युवा तेज गेंदबाज से एक भी ओवर गेंदबाजी नहीं कराई गई. इससे पहले उन्होंने विजय हजारे वनडे टूर्नामेंट के 6 मैच में 9 विकेट लिए थे. यह कप्तान केएल राहुल की बड़ी गलती साबित हुई. जबकि 5 में से 3 गेंदबाज विकेट नहीं ले सके.

साउथ अफ्रीका ने पहले 3 विकेट 18वें ओवरों में ही गंवा दिए थे. इसके बाद भारतीय गेंदबाज लय बरकरार नहीं रख सके. उन्हें अगली सफलता के लिए 30 ओवर का इंतजार करना पड़ा. इस बीच तेंबा बावुमा और रासी वैन डर डुसेन ने शतक लगाकर टीम का स्कोर 270 के पार पहुंचा दिया.

टीम को तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार से शुरुआती ओवर में विकेट की उम्मीद रहती है. लेकिन वे एक भी विकेट नहीं ले सके थे. वहीं लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल भी विकेट लेने में कामयाब नहीं हुए. शार्दुल ठाकुर काफी महंगे रहे और विकेट भी नहीं ले सके. हालांकि शार्दुल ने बल्ले से कुछ रन जरूर बनाए.

भारत का स्कोर एक समय एक विकेट पर 138 रन था. लेकिन विराट कोहली और शिखर धवन के अर्धशतक लगाने के बाद कोई टिककर नहीं खेल सका. अगले 50 रन बनाने में टीम ने 5 विकेट गंवा दिए.

साउथ अफ्रीका के स्पिन गेंदबाजों ने शानदार प्रदर्शन किया और 4 विकेट झटके. बाएं हाथ के स्पिनर तबरेज शम्सी ने 2 विकेट लिए. इसके अलावा तीनों स्पिनर्स भारतीयों के मुकाबले कंजूस भी साबित हुए. शम्सी ने विराट कोहली और केशव महाराज ने धवन का बड़ा विकेट लिया. एडेन मार्करम ने केएल राहुल को पवेलियन भेजा.