मुजफ्फरनगर। गेहूं के लिए इस बार भले ही मौसम अनुकूल हो, लेकिन पिछले साल के मुकाबले पैदावार प्रभावित होगी। पिछले साल के मुकाबले दो हजार हेक्टेयर गेहूं की फसल इस बार कम है, जिससे उत्पादन भी कम होने का अनुमान है। जनपद में कृषि योग्य भूमि लगभग दो लाख हेक्टेयर है। इस भूमि में से एक लाख 76 हजार पर गन्ने की खेती हो रही है। किसान अक्तूबर से दिसंबर के अंत तक गन्ने से खाली जमीन पर गेहूं की उपज करते हैं। धान का क्षेत्रफल मात्र दस हजार हेक्टेयर होता है,
गेहूं की बुवाई के लिए किसान को गन्ने के खेत से अतिरिक्त यही मिल पाता है। यही कारण है कि जनपद में गेहूं की बुवाई देर तक होती है। इस वर्ष जनपद में 78 हजार हेक्टेयर जमीन में गेहूं की बुवाई हुई है। कुछ किसानों ने जनवरी में भी पछेती बुवाई की है। हालांकि यह पिछले वर्ष से दो हजार हेक्टेयर कम है। सरसों की फसल यहां 3200 हेक्टेयर में है। जिला कृषि अधिकारी एसके तिवारी का कहना है कि इस बार अत्यधिक सर्दी रही है और समय पर बारिश भी हुई। अब तक सब कुछ गेहूं के अनुकूल चल रहा है। रकबा कम हुआ है, लेकिन यदि फसल पकने तक यदि मौसम सही रहा तो इस साल अच्छी फसल होने की संभावना है।