आगरा| आगरा में स्वास्थ्य विभाग ने फतेहाबाद में न्यू गीतांजलि हॉस्पिटल को सील कर दिया है। यह बिना लाइसेंस के चल रहा था। यहां कोई डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ नहीं था। ऑपरेशन थिएटर और उपकरण भी गंदे-दूषित थे। संचालक के खिलाफ थाने में तहरीर दी है।
सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि अपंजीकृत अस्पताल सेल के नोडल अधिकारी डॉ. सुरेंद्र मोहन प्रजापति की टीम ने छापा मारा था। संचालक दयाशंकर से अस्पताल का लाइसेंस, अग्निशमन विभाग, बायोमेडिकल वेस्ट और अन्य विभाग की एनओसी मांगी तो दिखा नहीं पाया। जांच करने पर बेसमेंट में वार्ड बना रखा था, जिसमें उझवानी गांव की गुड्डी देवी (28) भर्ती थी। इसका प्रसव किसने कराया, तीमारदारों को भी नहीं पता था। संचालक भी डॉक्टर का नाम नहीं बता पाया। ऐसे में प्रसव झोलाछाप ने ही कराया होगा। ऑपरेशन थिएटर बदहाल मिला, उपकरण गंदे और दूषित थे, जिससे मरीज के संक्रमण होने का खतरा था। बॉयोमेडिकल वेस्ट भी बिखरा हुआ था। मरीज को सरकारी अस्पताल में शिफ्ट कराते हुए सील कर दिया।
जांच करने गई स्वास्थ्य विभाग की टीम को संचालक नेताजी के नाम से धमकाने लगा। नेताजी का फोन मिलाकर नोडल प्रभारी से बात करने के लिए दबाव बनाया। टीम ने किसी से भी बात करने से मना करते हुए अस्पताल को सील कर दिया।
संचालक की कारस्तानी देखिए, अस्पताल के बोर्ड पर ‘सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त’ लिख रखा था। इसके नीचे ही 24 घंटे इमरजेंसी सेवाएं उपलब्ध भी अंकित था। जांच में यहां चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाफ तक नहीं मिला। झोलाछाप ही मरीजों का इलाज कर रहे थे।