नई दिल्ली। किडनी हमारे शरीर का एक बेहद अहम अंग है, इसकी मदद से खून में मौजूद गंदगी को फिल्टर किया जाता है, साथ ही बॉडी में प्योर बल्ड का फ्लो हो इसके लिए हमारे गुर्दे महत्वपूर्ण रोल अदा करते है. जब किडनी फंक्शन में जरा सा भी प्रॉब्लम आती है तो इसका असर हमारे शरीर पर साफ तौर से दिखने लगता है. किडनी इंफेक्शन और किडनी फेलियर जैसी परेशानियों से जान का खतरा भी पैदा हो जाता है. इसके लक्षणों को वक्त पर पहचान लेना बेहद जरूरी है. आइए जानते हैं कि गर्दे खराब होने पर हमारा शरीर कैसे-कैसे वॉर्निग साइन देता है.
किडनी के फिल्टर प्रॉसेस में रुकावट आने की वजह से बॉडी टॉक्सिंस जमा होने लगते हैं. जिससे कमजोरी आने लगती है और थकान भी महसूस होने लगता है.
किडनी फंक्शन में गड़बड़ी का असर हमारी नींद पर पड़ता है, इससे इनसोमनिया (Insomnia) की समस्या पैदा होने लगती है. इसलिए वक्त रहते सतर्क होना जरूरी है.
जब किडनी में परेशानी होने की वजह से विषाक्त पदार्थ बाहर नहीं निकल पाते तो ये गंदगी खून में जमा होने लगती है और यही त्वचा में खुजली की वजह बन जाती है.
जब गुर्दे खराब होते हैं तो प्रोटीन ज्यादा बाहर निकलने लगता है. इससे यूरिन का रंग पीला या भूरा होने लगता है, कई मामलों में पेशाब से झाग और खून भी निकलने लगता है.
जब किडनी हमारे शरीर से सोडियम को बाहर नहीं निकाल पाते तो ये बॉडी में ही जमा होने लगता है. इसकी वजह से पैर और चेहरे में सूजन होने लगता है.
किडनी के खराब होने पर पैरों और मसल्स में ऐंठन होने लगती है. क्योंकि सोडियम, कैलशियम, पोटेशयम या अन्य इलेक्ट्रोलाइट्स के लेवल में इम्बैलेंस होने लगता है
अगर आपकी सांस बार-बार फूल रही है तो ये किडनी डिजीज के लक्षण हो सकते हैं क्योंकि ऐसे हालात रीथ्रोपॉयटीन नामक हार्मोन का प्रोडक्शन प्रभावित होता है, ये हार्मोन आरबीसी के बनाने में मदद करते हैं.