नई दिल्ली. आप भले ही अपनी कार को अच्छे से मेंटेन करके रखते हों लेकिन आपको बता दें कि आपकी कार का केबिन पूरी तरह कभी भी साफ नहीं हो पाता है. आपकी कार के केबिन में टॉयलेट से भी ज्यादा गंदगी मौजूद होती है. जी हां, आपकी चहेती कार जिस पर आपने लाखों रुपये खर्च किए होंगे शायद उसका केबिन आपके टॉयलेट से भी गंदा हो सकता है. आप सोचेंगे कि ये कैसे हो सकता है लेकिन ये बात बिल्कुल सच है. ऐस्टन यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ बायोसाइंस ने एक रिसर्च में इस बात का खुलासा किया है. उनकी रिसर्च के मुताबिक एक सामान्य या औसत कार का केबिन घरों में बने टॉयलेट से भी ज्यादा गंदा होता है.
वेबसाइट स्क्रैप कार कम्पेरिजन द्वारा रिपोर्ट किए गए अध्ययन से पता चलता है कि कार ट्रंक (1425 बैक्टीरिया की पहचान की गई) और ड्राइवर की सीट (649) में उच्चतम स्तर के जीवाणु पाए गए हैं. गियरशिफ्ट, डैशबोर्ड और पिछली सीट में भी उच्च स्तर के जीवाणु मौजूद थे, जो कि घरेलू टॉयलेट सीट और फ्लश पर पाए जाने वाले जीवाणुओं से अधिक थे.
रिसर्चर्स को उन 5 वाहनों में खतरनाक बैक्टीरिया के ट्रेस मिले हैं जिनका इन्होंने परीक्षण किया है. शोध में दावा किया गया है कि केबिन में बेहद खतरनाक बैक्टीरिया मिले हैं और जांचे गए वाहनों में एक सिर्फ 2 साल पुराना ही है. यही नहीं, बैक्टीरिया ड्राइवर सीट से लेकर ट्रंक और गियर स्विच, डैशबोर्ड पिछली सीट्स और अन्य जगहों पर भारी मात्रा में पाए गए हैं. ये कोई सरप्राइज नहीं कि जहां ये बैक्टीरिया मिले हैं वो जगहें इन्हें बढ़ाने का काम नहीं करती, लेकिन सरप्राइज ये है कि पूरी कार में सबसे साफ सुथरा कोई पुर्जा है तो वह है स्टीयरिंग व्हील.
इस स्टडी का सैंपल साइज फिलहाल काफी छोटा है, लेकिन लगातार अपनी कार के केबिन को साफ करवाने और सैनिटाइज कराने से इस संभावित खतरे से दूर रहा जा सकता है. जिस तरह से हम अपने घरों के टॉयलेट को कई किस्म के डिसइंफेक्टेंट से साफ करते हैं, वहीं कार के केबिन में सिर्फ वेक्यूम लगवा कर छोड़ देते हैं जबकि हमें कार की भी अच्छी तरीके से सफाई करनी चाहिए. दरअसल कार के अंदर लगभग पूरे समय नमी बनी रहती है, ऐसे में बैक्टीरिया के पनपने के लिए केबिन सबसे अच्छा माहौल बन जाता है. ऐसे में इस खतरे से बचने के लिए आपको समय-समय पर कार के केबिन की बढ़िया सफाई करवाना जरूरी है.