मुजफ्फरनगर। सिसौली की घटना के बाद जिले में भाजपा और भाकियू के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है। भाकियू अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा है कि भाजपा नेता गांवों में न जाएं, वहीं केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ संजीव बालियान ने साफ शब्दों में कह दिया है कि गांवों में जाने से भाजपा नेताओं को कोई संगठन रोक नहीं सकता। इससे हालात बिगड़ सकते हैं और ऐसे में जिला प्रशासन के लिए भी एक अग्नि परीक्षा होगी।
किसानों के आंदोलन के बीच भाजपा की रणनीति थी कि वह किसानों से न टकराए। किसान नेताओं के लगातार आ रहे बयानों और सिसौली में बुढ़ाना विधायक उमेश मलिक पर हुए हमले के बाद भाजपा भी अपनी रणनीति बदल सकती है। बीते तीन दिनों से जिले में भाजपा और भाकियू में तनाव बढ़ता जा रहा है। छपार में भाकियू नेताओं ने जाम लगाने के बाद चेतावनी दी थी कि भाजपा नेता गांवों में न जाएं। एक दिन पहले तितावी थाना क्षेत्र के गांव अमीरनगर में राकेश टिकैत के बोर्ड पर कालिख पोत दी गई।
शनिवार को सिसौली में बुढाना विधायक उमेश मलिक पर हमला हो गया। इस हमले के बाद जिले की पूरी भाजपा एक हो गई है। केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ संजीव बालियान ने भाकियू कार्यकर्ताओं को निशाने पर लिया है। उन्होंने कप्तान अभिषेक यादव को साफ शब्दों में कह दिया कि वह जिले में कानून का राज स्थापित करें। इसी बीच सिसौली पंचायत में भाकियू अध्यक्ष नरेश टिकैत ने एक बार फिर कहा है कि भाजपा नेता गांवों में न जाएं।
इसके जवाब में संजीव बालियान ने साफ कह दिया है कि भाजपा कार्यकर्ता कमजोर नहीं है, उन्हें गांवों में जाने से कोई संगठन रोक नहीं सकता। विधायक पर हमले की घटना में नौ लोगों पर मुकदमा दर्ज हुआ है। ऐसे में पुलिस कार्रवाई करती है तो भाकियू के टकराव के हालात बन सकते हैं और कार्रवाई नहीं करती है भाजपा सीधे सामने हैं। पुलिस कार्रवाई की दिशा शासन का रुख तय करेगा।