बांदा। माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की प्रयागराज में गोली मार हत्या करने वाले शूटर में एक लवलेश तिवारी भले जेल में बंद है, पर उसका फेसबुक अकाउंट सक्रिय है। 12 मई को फेसबुक अकाउंट में एक पोस्ट की गई, फैंस तो सेलिब्रिटी के होते हैं, मेरे तो चाहने वाले हैं…इसके बाद तरह-तरह के कमेंट किए गए हैं। एसपी अभिनंदन ने कहा कि फेसबुक अकाउंट कौन हैंडल कर रहा है, इसकी जांच की जाएगी।

माफिया और उसके भाई की गोली मार हत्या करने वालों में एक शूटर बांदा के क्योटरा का रहने वाला लवलेश तिवारी है। उसका फेसबुक अकाउंट महाराज लवलेश तिवारी नाम से है। घटना के बाद उसके दोस्तों की तलाश में एसआइटी तक जिले में दस्तक दे चुकी है। माफिया को गोली मारने के बाद उसके नाम से फर्जी अकाउंट भी सक्रिय हुए थे, पर जिस फेसबुक अकाउंट में 12 मई को पोस्ट डाली गई है, वह उसी की बताई जा रही है। पोस्ट को बड़ी संख्या में लाइक और कमेंट किया गया है।

लवलेश तिवारी के प्रतापगढ़ जेल में बंद होने के बाद भी उसका फेसबुक अकाउंट कैसे सक्रिय है, यह बड़ा सवाल है। हालांकि घटना के बाद फर्जी बने फेसबुक अकाउंट तो सक्रिय हुए थे, पर अब वह बंद है। लंबे समय बाद डाली गई पोस्ट में तरह-तरह के कमेंट किए जा रहे हैं। पुलिस की साइबर सेल भी इसको लेकर सक्रिय हो गई है।

महाराज लवलेश तिवारी नाम के फेसबुक अकाउंट में उसकी मां और पिता की तस्वीर लगी है। यह अकाउंट 16 अप्रैल के बाद निष्क्रिय था और इस पर कोई पोस्ट नहीं की गई। एकाएक 12 मई की पोस्ट फिर चर्चा में है। एसपी अभिनंदन ने बताया कि मामले की संज्ञान में लिया गया है। साइबर सेल को जांच के आदेश दिए गए हैं। इस बात का पता किया जा रहा है कि उसके फेसबुक एकाउंट को कौन चला रहा है। कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

प्रयागराज में काल्‍वि‍न अस्‍पताल के बाहर पुल‍िस सुरक्षा के बीच शूटर सनी, लवलेश त‍िवारी और अरुण मौर्य ने ताबड़तोड़ गोल‍ियों की बौछार कर माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्‍या कर दी थी। तीनों मीड‍िया कर्मी बनकर पहुंचे थे। पुल‍िस ने घटना के फौरन बाद ही तीनों को धर दबोचा था। पूछताछ के दौरान उन्‍होंने कहा था क‍ि ‘माफिया अतीक का पाकिस्तान से संबंध था। उसने और उसके गैंग में शामिल सदस्यों ने तमाम निर्दोष लोगों का कत्ल किया था। अतीक जमीन हड़पने के लिए हत्या करता था और विरोध में गवाही देने वालों को भी नहीं छोड़ता था। उसका भाई अशरफ भी ऐसा करता था, इसलिए हमने दोनों को मार डाला।’

अतीक-अशरफ हत्याकांड की विवेचना एसआईटी को दी गई है। एसआईटी ने शूटरों को पांच दिन के लिए पुलिस कस्टडी रिमांड पर लिया और पूछताछ भी की। इस दौरान पता चला था की दिल्ली के गोगी गैंग ने सनी सिंह को विदेशी पिस्टल रखने के लिए दिया था लेकिन गोगी की हत्या के बाद पिस्टल लेकर अपने घर भाग निकला था। इसके बाद अपना नाम कमाने के लिए अतीक और अशरफ को मौत की नींद सुला द‍िया था।