जनपद में एक बार फिर हवा दमघोटू हो गई है। लगातार वायु में प्रदूषण की मात्रा बढ़ने से जनपद की आबो हवा दिल्ली व मेरठ सहित एनसीआर में सबसे अधिक जहरी है। शहर में सुबह के समय वायु में प्रदूषण की मात्रा 369 एक्यूआई दर्ज हुआ। जो रेड जोन में है। रेड जोन में आने के बाद शहर में हवा सांस लेने लायक नहीं है। जिसके चलते लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। खास कर के बुजुर्गों व बच्चों को सांस लेने में भारी दिक्कत हो रही है। बढ़ते प्रदूषण की रोकथाम में विभाग द्वारा किए गए प्रयास नाकाफी है। शनिवार को सुबह के सयम कोहरे की मोटी चादर आसमान में छाई रही। जिसके चलते विजिबलिटी बहुत कम होने से 10 मीटर तक भी देख पाना मुश्किल रहा। वही सुबह और शाम के समय न्यूनतम तापमान 6 डिग्री सेल्सियस से भी कम पर पहुंच गया। तापमान गिरने से ठंड बढ़ी गई है। जिसके चलते लोगों को ठीठुरन का भी अहसास हुआ। जिस कारण बुजुर्गों और बच्चों को देर तक घरों में दुबके रहना पड़ा। वही दो दिन से सुबह के समय धुंध आने से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दिसंबर माह में हर साल प्रदूषण का प्रभाव कम रहता था। लेकिन इस बार सर्दी बढ़ने के साथ-साथ प्रदूषण का ग्राफ भी बढ़ रहा है। जिसके चलते लोगों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। सर्दी से तो बचाव संभव है लेकिन जहरीली हो चुकी हवा से पार पाने में लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सुबह 9 बजे के बाद कोहरा छटा तो धूप निकलने से लोगों की जान में जान आई। जिसके चलते हवा में प्रदूषण का ग्राफ भी कुछ कम हुआ। शाम के समय शहर में 342 एक्यूआई दर्ज किया गया। जिससे लोगों को थोडी राहत जरूर मिली। लेकिन अभी भी वायु प्रदूषण डेंजर जोन में है। 200 एक्यूआई के आसपास ही हवा कुछ हद तक सही हो सकती है। वही दूसरी तरफ प्रदूषण विभाग लगातार लापरवाही बरत रहा है। जिसके चलते प्रदूषण के ग्राफ में आए दिन बढ़ोतरी दर्ज हो रही है।
लगातार फैक्ट्रियों का निरीक्षण किया जा रहा है। अवैध रूप से पॉलोथिन वेस्ट जलाने पर फैक्ट्रियों को सील किया जा रहा है। विभाग की टीम लगातार दिन रात फैक्ट्रियों व कोल्हुओं का का निरीक्षण कर रही है।