मुजफ्फरनगर। शहर की गलियों में कुत्तों से परेशान लोगों को निजात दिलाने के लिए नगर पालिका की स्टरलाजेशन की योजना फ्लॉप हो गई है। आम जनता की शिकायतों के बाद सरकार ने पालिका को पशु चिकित्सा विभाग से समन्वय करते हुए कुत्तों को नपुंसक बनाने को अभियान चलाने के निर्देश दिए थे। पालिका आज तक एक भी कुत्ते की सर्जरी नहीं करा सकी है।

नगरीय क्षेत्रों में कुत्तों की बढ़ती आबादी को रोकने के लिए प्रदेश सरकार ने निकायों को अभियान चलाने के निर्देश दिए थे। नगर पालिका के पास आए पत्र में शहर की जिन गलियों में कुत्तों की संख्या ज्यादा है, उनमें स्टरलाइजेशन कराने के लिए कहा गया था। पालिका के नगर स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देशित किया गया था कि वह जिला पशु चिकित्साधिकारी से समन्वय कर कुत्तों को नपुंसक करने का अभियान चलाएं। आश्चर्य की बात यह है कि शहर में एक भी कुत्ते की सर्जरी नहीं की गई। इससे शहर में कुत्तों की संख्या लगातार बढ़ रही है। कई गलियों में तो आम आदमी का निकलना मुश्किल हो जाता है। कुत्तों के काटने की घटनाएं प्रतिदिन आम बात है।

बोर्ड बैठक में गूंज चुका है मामला
शहर में कुत्तो से परेशान लोग सभासदों से शिकायत करते हैं। सभासद बोर्ड बैठक में इस मामले को उठाते रहे हैं। हाल ही में हुई बोर्ड बैठक में सभासद विपुल भटनागर ने यह मामला उठाया था। नगर स्वास्थ्य अधिकारी पर आरोप लगाया था कि उन्होंने अपने दायित्व का निर्वाह नहीं किया।

कुत्ते की एक घंटे की होती है सर्जरी
शहर के केशवपुरी स्थित पशुचिकित्सालय के पशु चिकित्साधिकारी डॉ सुधीर डबास ने बताया कि कुत्ते का स्टरलाइजेशन करने के लिए उसकी एक घंटे की सर्जरी करनी होती है। इसके बाद कुत्ता नपुंसक हो जाता है, वह बच्चे पैदा नहीं कर पाता।

हम कई बार दे चुके हैं निर्देश: अंजू
चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल का कहना है कि शासन के निर्देश के बाद नगर स्वास्थ्य अधिकारी को कई बार कहा गया लेकिन समस्या के निराकरण पर ध्यान नहीं दिया गया।