चित्रकूटः हिंदू धर्म में आपने बहुत से देवी-देवताओं की शक्तियों के बारे में सुना होगा. लेकिन चित्रकूट में एक ऐसी देवी हैं, जिनका इलाके में राज चलता है. इन देवी को चकदहिया देवी के नाम से जाना जाता है. इनके प्रभाव की दूर-दूर तक चर्चा है. मान्यता है कि यहां मांगी गई मन्नत जरूर पूरी होती है.

चित्रकूट की मऊ तहसील के अंतर्गत आने वाले गढ़वा पूरब पताई गांव के घनघोर जंगल में स्थित परानु बाबा आश्रम के पास जंगल में चकदहिया देवी की मूर्ति स्थापित है. बताया जाता है कि यहां 15वीं सदी में दरी नामक पुरातन शहर हुआ करता था. जहां पर बघेल वंश के ठाकुर राजाओं का साम्राज्य था. इस पुरातन शहर को ठाकुरों के शहर के नाम से भी जाना जाता था.

बताया गया कि उस शहर में परानु बाबा का घर था, जो ब्राह्मण थे और मरी देवी माता की पूजा किया करते थे. उनको मरी देवी माता का अनन्य भक्त माना जाता था. एक चमत्कारी तलवार को लेकर परानु बाबा और राजा के बीच दुश्मनी पैदा हो गई, जिसके बाद दरी शहर खंडहर में तब्दील हो गया. इसके पुरातात्विक अवशेष आज भी मौजूद हैं.

संत घनश्याम मुरली वाले ने बताया कि देवी शक्ति आज भी इस इलाके में देखी जा सकती है. चकदहिया देवी का प्रभाव गांव वाले आज भी महसूस करते हैं. इसलिए इस इलाके में उनका राज चलता है. यहां मांगी हुई मुराद माता हमेशा पूरी करती हैं.