अग्रवाल मंडी टटीरी। मीतली गांव में सरकारी जमीन चिह्नित करने गई तहसील की टीम का ग्रामीणों ने विरोध किया। ग्रामीणों के विरोध के चलते तहसील की टीम वापस लौट गई। मीतली गांव में गोरखनाथ मंदिर के आसपास की जमीन को चिह्नित करने के लिए रविवार को तहसीलदार ने वहां जांच कराई। इसका पता चलने पर गांव के लोग भी वहां पहुंच गए। ग्रामीण रमेश चंद कुशवाह ने बताया कि वर्ष 2007 में मंदिर की जमीन पर पट्टे आवंटित कर दिए गए थे, इसको लेकर न्यायालय में गए।

इस मामले की पैरवी महाराज रामचंद्र कर रहे थे, जिन्होंने बीमार होने के कारण छह लोगों को वारिस तय किया। साथ ही रमेश और महेश को पैरोकार बनाया। उन्होंने आरोप लगाया कि मुकदमे की सुनवाई के लिए छह फरवरी नियत की गई है। इसके बावजूद तहसील की टीम जमीन चिह्नित करने पहुंच गई। उधर, इस संबंध में तहसीलदार अभिषेक सिंह का कहना है कि मंदिर भी सरकारी रिकार्ड में दर्ज है और मंदिर के आसपास की जमीन पट्टे, सरकारी गोदाम, बंजर भूमि है। जल्द ही सरकारी जमीन चिह्नित कराई जाएगी।