मुजफ्फरनगर। अलग-अलग वार्डों में रखे 145 बेड पर दो-दो मरीजों को भी भर्ती किया गया है। बच्चा वार्ड में तो एक-एक बेड पर तीन-तीन बीमार बच्चों को भी भर्ती किया गया है। इस वार्ड में सभी बच्चे उल्टी-दस्त व बुखार से ग्रसित हैं। गर्मी और लू के कारण बीमारियां बढ़ने लगी हैं। स्वामी कल्याण देव जिला चिकित्सालय सहित निजी अस्पतालों में मरीजों की भरमार है। सरकारी अस्पताल के सभी बेड मरीजों से फुल हैं। एक-एक बेड पर दो-दो मरीजों को भर्ती किया गया है। ओपीडी 2470 पर पहुंच गई है।

जैसे-जैसे तापमान बढ़ रहा है, वैसे-वैसे बीमारियां भी पैर पसार रहीं हैं। सबसे ज्यादा मरीज बुखार और उल्टी-दस्त, नजला-जुकाम व खांसी के आ रहे हैं। स्वामी कल्याण देव जिला चिकित्सालय (पुरुष) के सभी 145 बेड फुल हैं। सर्जिकल वार्ड में निर्माण कार्य चलने के कारण वहां पर मरीजों को भर्ती नहीं किया गया है। हालांकि सर्जिकल वार्ड के सभी 30 बेड अभी खाली हैं।

अस्पताल के फिजिशियन डॉ. योगेंद्र त्रिखा का कहना है कि ये सभी मौसमी बीमारी हैं। जैसे-जैसे गर्मी बढ़ेगी, वैसे-वैसे मरीजों की संख्या भी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि बुखार, उल्टी, दस्त, नजला, जुकाम और खांसी के मरीज अधिक हैं। लोगों को गर्मी से बचना होगा। जिला चिकित्सालय में इन दिनों कुछ ज्यादा ही मरीज पहुंच रहे हैं। यहां सुबह आठ बजे से ही मरीजों की कतार लग जाती है, जो दोपहर दो बजे तक बरकरार रहती है। अस्पताल के प्रवेश द्वार के पास पर्ची कक्ष से लेकर सभी ओपीडी में यही हाल है।

जिला चिकित्सालय (पुरुष) में औषधि कक्ष के बाहर दवा लेने वालों की भीड़ इस कदर बढ़ जाती है कि यहां तीन-तीन लाइन लग जातीं हैं। सुबह नौ बजे से दोपहर दो बजे तक भी औषधि कक्ष के बाहर वाली लाइन कम होने का नाम नहीं लेती है। जिला अस्पताल के वार्डों में मरीजों को हाथ के पंखे का सहारा लेना पड़ रहा है। मरीजों की अधिक संख्या होने की वजह से वार्डों में घुटन सी पैदा हो जाती है और गर्मी अधिक लगती है। ऐसे में छत के पंखें भी फैल हो जाते हैं। ऐसे में कुछ मरीज हाथ के पंखा झलकर ही काम चला रहे हैं।

– इन बातों का रखें खास ध्यान

– ओआरएस का घोल का सेवन करें

– दोपहर में बाहर न जाएं, धूप से बचें

– खाना कम खाएं, अधिक से अधिक मात्रा में पानी पीएं

– ताजा फलों व तरल पदार्थों का सेवन अधिक करें

– खीरा, ककड़ी, तरबूज, खरबूजा आदि का सेवन करें

– मच्छरदानी लगाकर ही सोएं, मच्छरों से बचकर रहें

– आंखों पर चश्मा या हेलमेट लगाकर ही वाहन चलाएं