मुजफ्फरनगर। सपा-रालोद गठबंधन के लिए बुढ़ाना सीट पर टिकट फाइनल करना चुनौती भरा हो गया है। भाकियू नेता धर्मेंद्र मलिक लखनऊ में डटे हैं, रालोद के पूर्व विधायक राजपाल बालियान सिसौली पहुंच गए और पूर्व मंत्री योगराज सिंह दिल्ली में रहकर दावा कर रहे हैं। बेचैनी बढ़ रही है। भाजपा की नजर भी गठबंधन के टिकट पर टिकी हुई है।

सपा-रालोद गठबंधन में बुढ़ाना सीट पर एक अनार सौ बीमार जैसी स्थिति है। जाट-मुस्लिम समीकरण वाली सीट पर इस बार मुकाबला सीधा भाजपा से माना जा रहा है। गठबंधन में सीट रालोद के हिस्से में आई है, लेकिन टिकट के दावेदार सपा से भी हैं। पूर्व मंत्री योगराज सिंह ने 2017 का चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए। इस बार भी वह टिकट की दौड़ में है। दिल्ली में डेरा डालकर अपनी पैरवी कर रहे हैं। शुक्रवार को सियासी तापमान खूब चढ़ा। समर्थक दिनभर सूची का इंतजार करते रहे। पूर्व विधायक राजपाल बालियान सिसौली में आयोजित एक धार्मिक कार्यक्रम में शामिल हुए।

भाकियू अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत के बेटे गौरव टिकैत भी इस कार्यक्रम में शामिल थे। टिकैत परिवार से राजपाल बालियान की दशकों पुरानी नजदीकी है। कई घंटे राजपाल बालियान अपने समर्थकों के साथ सिसौली में रहे। उधर, भाकियू के मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक लखनऊ में डटे हुए है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उन्हें कॉल कर लखनऊ बुलाया था। टिकट के लिए चल रहे इस मुकाबले में सियासी रोमांच बन गया है। विपक्षी दलों की निगाह भी गठबंधन के टिकट पर है।

तीनों चेहरों से बनेंगे अलग-अलग समीकरण
सपा-रालोद गठबंधन के तीनों चेहरों से अलग-अलग समीकरण बनेंगे। जिसका भी टिकट होगा, उसके समीकरण अलग होंगे। यही नहीं भाजपा के सामने भी चुनौतियां अलग-अलग होगी।

गठबंधन की तस्वीरें लगाकर सूची वायरल
सोशल मीडिया पर दिनभर गठबंधन की तस्वीरें लगाकर सूची वायरल की गई। समर्थकों और नेताओं की धड़कनें बढ़ती गई।

नेतृत्व का फैसला होगा अंतिम : प्रभात तोमर
रालोद जिलाध्यक्ष प्रभात तोमर का कहना है कि बुढ़ाना और सदर सीट के प्रत्याशी अभी घोषित नहीं हुए हैं। सभी दावेदार अपना-अपना प्रयास कर रहे हैं। नेतृत्व का फैसला अंतिम होगा।