गाजियाबाद। पूरी दुनिया में दहशत का सबब बने मंकीपॉक्स के गाजियाबाद जनपद में दो संदिग्ध मरीज मिलने से हड़कंप मच गया है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा संदिग्ध मरीजों के सैंपल जांच के लिए पुणे लैब में भेजे गए हैं।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक अर्थला का रहने वाला युवक साहिबाबाद की एक प्राइवेट कंपनी में काम करता है। यह युवक अपना इलाज कराने के लिए एक अस्पताल में पहुंचा था जहां मंकीपॉक्स के लक्षण देखते हुए डॉक्टरों ने इसकी सूचना सीएमओ और सर्विलांस अधिकारी को दी। युवक में मंकीपॉक्स के लक्षण की सूचना मिलते ही स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया जिसके बाद युवक का नमूना जांच के लिए पुणे लैब में भेजा गया है। इस युवक के अलावा ट्रांस हिंडन में रहने वाले एक युवक के भी मंकीपॉक्स से पीड़ित होने की पुष्टि दिल्ली में होने की खबरें हैं मगर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इस बारे में कोई जानकारी होने से इंकार कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि युवक को राजधानी दिल्ली के लोकनायक अस्पताल में मंकीपॉक्स के लक्षण देखते हुए भर्ती कराया गया है इस मरीज में बुखार और त्वचा पर दानों के लक्षण पाए गए हैं।

जानिए क्या है मंकीपॉक्स और क्या है इसके लक्षण
मंकीपॉक्स एक गंभीर बीमारी है जो कि वायरस के संक्रमण के कारण होती है। मंकीपॉक्स के शिकार व्यक्ति को शरीर पर इसके लक्षण दो से चार हफ्तों तक दिखाई दे सकते हैं। माना जा रहा है कि मंकीपॉक्स सिर्फ उन लोगों में फैलता है जो कि पहले से ही इस से पीड़ित हो ऐसे मरीज के नजदीक आने वाले लोगों को भी इससे संक्रमित होने का खतरा हो सकता है। अब तक हुए शोध के अनुसार मंकीपॉक्स इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति के साथ सोने पर भी फैल सकता है। मंकीपॉक्स के शिकार व्यक्ति को बुखार शरीर पर दाने और सूजन हो सकती है।

मंकीपॉक्स से बचने के लिए बढ़ते यह सावधानी
मंकीपॉक्स से बचने के लिए लोगों को जनवरी जंगली जानवरों से बचकर रहने की सलाह दी जा रही है। जो मीट पूरी तरीके से पका हुआ ना हो उसे ना खाने की चेतावनी भी दी गई है। यदि आपका पालतू जानवर इस बीमारी से संक्रमित हो तो उसे 30 दिनों तक क्वारंटाइन करने की सलाह भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी गई है।