मुजफ्फरनगर। आसाराम बापू के रसोइया अखिल गुप्ता की हत्या के मामले की दोनों पत्रावलियां पॉक्सो कोर्ट में ट्रांसफर कर दी गई हैं। गवाह के नहीं पहुंचने के कारण साक्ष्य नहीं हुआ। अगली सुनवाई के लिए 14 अगस्त की तिथि नियत की गई।

शहर के जानसठ रोड के गीता एनक्लेव निवासी अखिल गुप्ता दूध का व्यवसाय करते थे। 11 जनवरी 2015 को गंगा प्लाजा स्थित दुकान से स्कूटर पर सवार होकर अपने घर लौट रहे थे। महालक्ष्मी एनक्लेव के पास दो बाइक पर आए हमलावरों ने अखिल की गोली मारकर हत्या कर दी थी। वादी ने मुकदमा अज्ञात में दर्ज कराया था।

पुलिस ने जांच के बाद इस मामले में नीरज, कार्तिक हलधर, प्रवीण समेत चार आरोपियों के खिलाफ अलग-अलग आरोप पत्र दाखिल किए थे। प्रकरण की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायालय संख्या नौ और 10 में चल रही थी। अब दोनों पत्रावली मुख्य पॉक्सो कोर्ट में ट्रांसफर कर दी गई हैं। अधिवक्ता कंवरपाल सैनी ने बताया कि बृहस्पतिवर को गवाह विजय सैनी की गवाही होनी थी, लेकिन गवाह अदालत में पेश नहीं हुआ।

सूरत की दो बहनों ने आसाराम और उनके बेटे नारायण साईं पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। पीड़िताओं का आरोप था कि वर्ष 1997 से 2006 के बीच आसाराम के आश्रम में यौन उत्पीड़न के समय रसोइये अखिल और उसकी पत्नी भी आश्रम में मौजूद थे। 20 अक्तूबर 2013 को गुजरात पुलिस दंपती को अहमदाबाद ले गई थी। लंबी पूछताछ के दौरान अखिल को सीबीआई ने सरकारी गवाह बन गया था।

शहर निवासी अखिल गुप्ता वर्ष 1997 में संत आसाराम का भक्त बना था। कुछ दिन बाद ही आसाराम ने उसे अपना रसोइया बना लिया। आश्रम में छत्तीसगढ़ के रायपुर की सेवादार वर्षा से अखिल गुप्ता ने शादी की थी। वर्ष 2008 में अखिल और वर्षा ने आश्रम छोड़ दिया था। इसके बाद वह शहर में ही रहकर दूध का व्यवसाय करने लगा था।

आरोपी प्रवीण शिवाजी कावले का नाम भी पुलिस जांच में सामने आया था। करीब सात साल बाद पांच दिसंबर 2022 को पुलिस ने आरोपी को पकड़ा था। वर्तमान में मुकदमे में गवाही की प्रक्रिया चल रही है।