नई दिल्ली. हम सभी लोगों में अच्छा स्वास्थ्य पाने की चाहत होती है लेकिन व्यस्त लाइफस्टाइल और अनहेल्दी डाइट की वजह से हम कई तरह की बीमारियों का शिकार हो जाते हैं. इन्हीं बीमारियों में से एक है थायराइड की समस्या. थायराइड की समस्या थायराइड ग्रंथि से जुड़ी है और यह ग्रंथि गले में स्थित होती है. यह ग्रंथि तितली के आकार की होती है और यह सांस की नली के ऊपर होती है. यह ग्रंथि थ्योरिकसिन नाम का हार्मोन का उत्पादन करती है और यह हार्मोन हमारे मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने का काम करता है.
आपको बता दें कि थायरॉइड हार्मोन हमारे शरीर की लगभग सभी क्रियाओं को नियंत्रित करता है. यह हार्मोन हमारे ब्लड में चीनी, कोलेस्ट्रॉल की मात्रा के लेवल को नियंत्रित करता है. इतना ही नहीं यही हार्मोन हमारे धड़कन और ब्लड प्रेशर को भी कंट्रोल में रखता है. थायराइड में अगर गड़बड़ी होती है तो इससे शरीर में आयोडीन की कमी, ऑटोइम्यून डिजीज, जेनेटिक डिसऑर्डर और साथ ही डायबिटीज की गंभीर समस्या हो सकीत है.
घबराहट होना
ठीक से नींद न आना
बात बात पर चिड़चिड़ापन आना
हाथों में कपकपी होना
सामान्य से अधिक पसीना आना
अनियमित दिल की धड़कन
बालों का पतला होना
मांसपेशियों में कमजोरी होना
महिलाओं में मासिक धर्म की अनियमितता बनी रहना
हड्डी में कैल्शियम तेजी से खत्म होना
याददाश्त का कमजोर होना
लेमनग्रास तेल: हेल्थ एक्सपर्ट की मानें तो लेमनग्रास में कई तरह के एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं. यह तेल प्रो इंफ्लेमेटरी साइटोकिन्स को रोकता है. इसके इस्तेमाल से थायराइड असंतुलन से जुड़ी एलर्जी या सूजन में मदद मिलती है.
लैंवेंडर का तेल: लैवेंडर में दर्द दूर करने वाले के साथ साथ एंफ्लेमेटरी गुण भी पाए जाते हैं. थायराइड की वजह से एंग्जायटी की समस्या ट्रिगर होती है और लैवेंडर का तेल एंग्जायटी से लड़ने में मदद करता है. यह तेल डिप्रेशन को भी कम करने में भी कारगर है.
चंदन का तेल: चंदन के तेल में एंग्जायटी जैसे गुण होते हैं. यदि आप ऐसे व्यक्ति हैं जिन्हें पैनिक अटैक आता है या फिर थायराइड की वजह से स्ट्रेस की समस्या रहती है तो यह आपको रिलीफ पहुंचा सकता है. इसके अलावा चंदन का तेल हाइपोथायरायडिज्म के कारण बालों के झड़ने की समस्या को भी कम करता है.
पुदीने का तेल: पुदीने के तेल में कई तरह औषधीय गुण पाए जाते हैं. इसे पिपरमिंट ऑयल के नाम से भी जानते हैं. थायराइड की वजह से मूड स्विंग, पाचन शक्ति की खराबी, बिगड़ा मेटाबॉलिज्म होने पर आप इस तेल का उपयोग कर सकते हैं. पुदीने की तेल की कुछ बूंदे पानी में डालकर भाप लेने से आप रिलैक्स फील करेंगे.
काली मिर्च का तेल: हमारे किचन में मौजूद काली मिर्च में कई ऐसे गुण पाए जाते हैं जो कई तरह की गंभीर बीमारियों में हमारी मदद करती है. काली मिर्च को एनर्जी बूस्टर को रूप में भी जाना जाता है. हाइपोथायरायडिज्म की वजह से होने वाली थकान को दूर करने में काली मिर्च बेहद फायदेमंद है. इसके साथ ही यह शरीर में सूजन, स्ट्रेस और खराब टॉक्सिन से लड़ने में भी मदद करती है.