
नई दिल्ली। कल यानी 1 फरवरी को सुबह 11 बजे देश का बजट पेश होगा। इस बजट से इस बार लोगों को बहुत सारी उम्मीदें हैं, क्योंकि कोरोना वायरस की वजह से लोगों ने 2020 में बहुत परेशानियां झेली हैं। ऐसे में लोग उम्मीद कर रहे हैं कि इस बार का बजट कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए बनाया गया होगा। कुछ ऐसी व्यवस्था की गई होगी, जिससे लोगों की जेब में अधिक पैसे बचें और कोरोना की वजह से लोगों को जो अतिरिक्त खर्च हुआ है, उसकी भरपाई हो सके। वैसे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कह भी चुकी हैं कि ये ऐसा बजट होगा, जैसा पहले कभी नहीं देखा होगा। हालांकि, पीएम मोदी ने इस बात का संकेत दे दिया है कि बजट से ज्यादा उम्मीदें ना करें। आइए जानते हैं कोरोना के प्रकोप के बाद बजट (ठनकहमज 2021-22) से क्या हैं उम्मीदें।
1- टैक्स छूट की सीमा हो सकती है 3 लाख रुपये
कोरोना काल के दौरान लोगों के हाथों में खर्च करने के लिए अधिक पैसे देने के मसकद से बजट 2021-22 से सबसे बड़ी उम्मीद तो यही है कि इस बार सरकार टैक्स छूट की सीमा को बढ़ा सकती है। अभी टैक्स छूट की सीमा 2.5 लाख रुपये है, जिसे बढ़ाकर 3 लाख रुपये किया जा सकता है। ऐसी उम्मीद इसलिए भी की जा रही है, क्योंकि पिछले करीब 7 सालों से इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है। जुलाई 2014 में आए बजट में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने यह सीमा 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये की थी।
2- 80सी के तहत निवेश पर बढ़ सकती है छूट की सीमा
कोरोना वायरस ने ये सिखा दिया कि पैसों की बचत करना कितना जरूरी है। जब आपदा के दौरान नौकरी चली जाती है तो सेविंग ही आखिरी सहारा होती है। ऐसे में इस बार 80सी के तहत निवेश की सीमा भी बढ़ सकती है। मौजूदा समय में आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत निवेश कर के इनकम टैक्स में 1.5 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स छू पाई जा सकती है। इस बार इसे बढ़ाकर 2 लाख रुपये तक किए जाने की उम्मीद है। सुझाव तो यहां तक दिए जा रहे हैं कि इसे बढ़ाकर दोगुना यानी 3 लाख रुपये किया जाना चाहिए। इसमें भी पिछले 7 सालों से कोई बदलाव नहीं हुआ है। जुलाई 2014 में ही तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसे 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये किया था।
3- कोरोना काल में 80डी के तहत बढ़ सकती है राहत
2020-21 का पूरा साल ही कोरोना की चपेट में रहा है। इस दौरान बहुत सारे लोग कोरोना की चपेट में आए और उन्हें दवा पर काफी खर्च करना पड़ा है। बहुत से लोगों ने भविष्य के खतरे को देखते हुए अपना मेडिकल इंश्योरेंस कवरेज बढ़वा भी लिया। कोरोना काल को देखते हुए ये भी उम्मीद की जा रही है मेडिकल इंश्योरेंस को देखते हुए इस बार सरकार 80डी के तहत मिलने वाले 25000 रुपये तक के डिडक्शन को बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर सकती है। वहीं सीनियर सिटिजन के लिए ये सीमा बढ़ाकर 75 हजार रुपये तक किए जाने की उम्मीद की जा रही है।
4- वर्क फ्रॉम होम को लेकर डिडक्शन
कोरोना काल में काम करने का तरीका काफी बदल गया है। बहुत सारे लोग वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं। ऐसे में बजट 2021 में आम आदमी को उम्मीद है कि घर से काम करने के लिए भी सरकार टैक्स में कुछ छूट दे सकती है, क्योंकि घर से काम करने में कर्मचारी को इंटरनेट, कुर्सी-मेज और कई बार तो छोटा ऑफिस तक सेट-अप करना पड़ा है। उम्मीद की जा रही है कि इसके लिए सरकार कोई स्टैंडर्ड डिडक्शन की ही घोषणा कर दे।
5- टर्म इंश्योरेंस को बढ़ावा देने के लिए अहम कदम
यह भी उम्मीद की जा रही है कि मोदी सरकार इस बार के बजट में टर्म इंश्योरेंस को बढ़ावा देने के कदम उठा सकती है। दरअसल, कोरोना काल में बहुत सारे लोगों को टर्म इंश्योरेंस की महत्ता समझ आ गई है, लेकिन अभी भी बहुत सारे लोग इसमें पैसे खर्च करने से कतराते हैं। टर्म इंश्योरेंस किसी भी व्यक्ति की मौत के बाद उसके परिवार के देखभाल के लिए बहुत जरूरी है। इसके तहत कम प्रीमियम भरकर बहुत अधिक फायदा पाया जा सकता है।
6- इस बार के बजट में लग सकता है कोविड सेस
कोरोना संक्रमण से बचने के लिए 130 करोड़ लोगों पर वैक्सीन लगाने का खर्च 50,000 से 60,000 करोड़ रुपये तक आ सकता है। वित्त मंत्री को अतिरिक्त संसाधनों से यह राशि जुटाने के लिए उपाय करने होंगे। इस वित्त वर्ष के दौरान देश का राजकोषीय घाटा जीडीपी के 7 फीसदी से अधिक रहने का अनुमान है। पिछले साल के बजट में इसके 3.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया था। इसलिए संभव है कि सेस के रूप में टैक्सपेयर्स को ही इसका खर्च उठाना पड़ सकता है।
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