नई दिल्ली. 1 से 7 सितंबर तक नेशनल न्यूट्रिशियन वीक मनाया जाएगा। बढ़ते बच्चों के लिए पोषण का बहुत महत्व होता है। बच्चों की सीखने की, ग्रोथ और विकास को बढ़ाने में मेमोरी यानी याद्दाश्त अहम भूमिका निभाती है। जिन बच्चों की याद्दाश्त कमजोर होती है, उन्हें स्कूल में ज्यादा मेहनत करनी पड़ सकती है और इन बच्चों में अक्सर आत्मविश्वास में कमी देखी जाती है। खुशी की बात तो ये है कि बच्चों में कई तरीकों से याद्दाश्त बढ़ाने का काम कर सकते हैं। अगर आपके बच्चे की याद्दाश्त कमजोर नहीं भी है, तो भी आप इन टिप्स् की मदद से उसके दिमाग को तेज कर सकते हैं। इस आर्टिकल में हम आपको कुछ ऐसी एक्टिविटीज और टास्क के साथ-साथ पौष्टिक फूड के बारे में बता रहे हैं जिनका नियमित सेवन एवं उपयोग करने से बच्चों की याद्दाश्त और ध्यान लगाने की क्षमता में सुधार आ सकता है।
मेमोरी बूस्टिंग गेम्स
बच्चों की याद्दाश्त और नॉलेज को बढ़ाने का फन और चैलेंजिंग तरीका है मेमोरी गेम्स खेलना। कुछ गेम्स आप खुद बना सकते हैं या घर पर ही फैमिली के साथ बोर्ड गेम्स खेल सकते हैं या दोस्तों के साथ ऑनलाइन गेम्स भी खेल सकते हैं। इस मामले में ऑप्शन और आइडिया बेतहाशा हैं। बढ़ते हुए बच्चे के रूटीन में इन चीजों को जरूर शामिल करें। ये मेमोरी मसल्स की एक्सरसाइज करेंगी और चीजों को याद रखने की क्षमता को बढ़ाएंगी।
टेंशन और प्रेशर से दूर रहना
बच्चों के सीखने में कोई भी प्रेशर या टेंशन नहीं होनी चाहिए। उन्हें दबाव से दूर रखें। हर बच्चे के सीखने का तरीका अलग होता है। किसी पाठ को समझने के लिए आप बच्चे को समय दें और कोई नई चीज सीखते समय बच्चे पर कोई प्रेशर नहीं होना चाहिए।
नींद लेने दें
बच्चों को रोज 8 से 10 घंटे की गहरी नींद लेनी चाहिए क्योंकि इससे याद्दाश्त में सुधार होता है। रेगुलर स्लीप शेड्यूल के लिए भी यह जरूरी है। खासतौर पर प्रीस्कूल बच्चों के लिए दिन में झपकी लेना भी जरूरी है। नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेस की प्रोसीडिंग्स में प्रकाशित रिसर्च में पाया गया कि बच्चों के दोपहर की झपकी लेने के बाद सुबह देखी गई कार्टून छवियों को याद करने की क्षमता में 10 प्रतिशत का सुधार होता है।
हरी सब्जियों की डाइट
हरी पत्तेदार सब्जियां विटामिन, एंटीऑक्सीडेंट, खनिज और डायट्री फाइबर से भरपूर होती हैं। विटामिन ए, बी, सी, ई और के जैसे विटामिन बच्चे के मस्तिष्क के विकास और समग्र स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आप बच्चे के खाने में पालक, धनिया पत्ती, पुदीना के पत्ते, सरसों के पत्ते, सलाद पत्ता, चुकंदर के पत्ते आदि शामिल कर सकते हैं। सुनिश्चित करें कि आपका बच्चा रोजाना इनका सेवन करे। आप इन्हें पालक पनीर या सरसों का साग जैसी सब्जियों में शामिल कर सकते हैं। पुदीने के पत्तों को ताजा पेय में मिलाया जा सकता है जबकि धनिया के पत्तों का उपयोग सभी प्रकार की करी को सजाने के लिए किया जा सकता है।
नट्स और सीड्स
बच्चे ज्यादा एक्टिव रहते हैं और उन्हें दिनभर एनर्जेटिक बनाए रखने के लिए पौष्टिक आहार की आवश्यकता होती है। आहार में नट्स और बीजों को शामिल करने से ऊर्जा मिलती है और यह उनके दिमाग को तेज करने में भी मदद करते हैं। अखरोट मस्तिष्क के आकार जैसा दिखता है और ओमेगा -3 फैटी एसिड प्रदान करके याददाश्त बढ़ाने में मदद करता है। अन्य नट्स में मूंगफली, पिस्ता और काजू शामिल हैं जो पोषक तत्वों और हेल्दी फैट से भरे होते हैं। कद्दू के बीज, चिया के बीज, तिल के बीज, सूरजमुखी के बीज और अलसी जैसे बीजों में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो बच्चों की संज्ञानात्मक क्षमताओं के विकास में सुधार करता है।
अंडा और मछली
हमारा दिमाग ओमेगा -3 फैटी एसिड और डीएचए जैसे वसा से बना होता है जो ज्यादातर अंडे की जर्दी और मछली जैसे सैल्मन में पाए जाते हैं। ये सुपरफूड मस्तिष्क और तंत्रिका कोशिकाओं का निर्माण करते हैं, जिससे सीखने की शक्ति और याददाश्त बढ़ती है। यदि आपका बच्चा मांसाहारी है, तो ये प्रोटीन से भरपूर खाद्य पदार्थ उसके नियमित आहार में जरूर शामिल करें। ये विटामिन डी, बी6 और बी12 से भी भरपूर होते हैं। अंडे नाश्ते के लिए एकदम सही है और आप एग की हर तरह की रेसिपी के साथ एक्सपेरिमेंट कर सकते हैं।