नई दिल्ली। नमक के लेकर हवाई जहाज तक, सूई से लेकर ट्रक तक, आपकी रसोई से लेकर तकनीक तक…शायद ही कोई ऐसी जगह होगी, जहां आपका टाटा के प्रोडक्टर न मिले. जितना बड़ा टाटा का कारोबार है, उसका पंख भी उतने ही फैले हैं. 22 सालों तक टाटासंस की कमान संभालने के बाद रतन टाटा ने रिटायरमेंट ले ली. अब वो टाटा ग्रुप के मानद चेयरमैन हैं. रतन टाटा के रिटायरमेंट के बाद से सवाल उठते रहे हैं कि आखिर टाटा के इस विशाल साम्राज्य को कौन संभालेगा. चूंकी रतन टाटा ने शादी नहीं कि, उनका कोई बच्चा नहीं है तो लोगों के मन में ऐसे सवाल आने लगे. भले ही रतन टाटा की कोई संतान न हो, लेकिन टाटा का खानदान बहुत बड़ा है. धीरे-धीरे टाटा फैमिली के बच्चे बिजनेस में कमान संभालने के लिए तैयार हो रहे हैं. भले ही टाटा फैमिली के ये उत्तराधिकारी लाइमटाइट से दूर रहते हो, लेकिन भारत के उद्योग जगत के नेक्स्ट जेनरेशन हैं.

टाटा फैमिली की दो बेटियां अब कारोबार को संभालने के लिए तैयार हो रही है. कंपनी के साथ जुड़कर उन्होंने कारोबार को समझना शुरू कर दिया है. हम बात कर रहे हैं लियाह टाटा और माया टाटा की. रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा की दोनों बेटियां लियाह और माया के साथ उनके बेटे नेविले टाटा टाटासंस की अलग-अलग कंपनियों की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. हालांकि टाटा फैमिली के ये बच्चे कैमरे और लाइमलाइट से दूर रहते हैं. वो अंबानी परिवार के बच्चों की तरह भले ही पॉपुलर न हो, लेकिन कारोबार जगत में छाने के लिए तैयार हैं. हाल ही में नोएल टाटा के तीनों बच्चों को टाटा मेडिकल सेंटर ट्रस्ट के बोर्ड मेंबर के तौर पर शामिल किया गया है. माना जा रहा है कि टाटा के अगले एजीएम में इन्हें लेकर बड़ी घोषणा हो सकती हैं. फिलहाल ये कंपनी में बड़े रोल के लिए तैयार हो रहे हैं.

रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा, टाटा ग्रुप के फैशन बिजनेस ‘ट्रेंट’ को संभालते हैं. लियाह उनकी बड़ी बेटी है. 38 साल की लियाह टाटा के होल्ट इंडस्ट्री ( Taj Hotels) का कारोबार संभालती हैं. साल 2007 में उन्होंने टाटा ज्वाइंन कर लिया था. उन्होंने सेल्स रोल और मार्केटिंग टीम की जिम्मेदारी संभालील थी. अब वो रियल एस्टेट एंड डेवलपमेंट टीम का भी हिस्सा बन गई है. पढ़ाई की बात करें तो लियाह मुंबई के जय हिंद कॉलेज से बैचन इन इकोनॉमिक्स एंड कॉमर्स की पढ़ाई की है. इसके बाद मैडिड के आईई बिजनेस स्कूल से उन्होंने मार्केटिंग में मास्टर्स डिग्री की है. ताज होटल के अलावा वो टाटा मेडिकल सेंटर ट्रस्ट की ट्रस्टी और कोलकाता में टाटा कैंसर अस्पताल की इंचार्ज भी हैं.

माया रतन टाटा की सौतेली भतीजी हैं. उन्हें टाटासंस में बड़ी जिम्मेदारी के लिए तैयार किया जा रहा है. ब्रिटेन के बेयस बिजनेस स्कूल से पढ़ाई करने के बाद वो टाटा कैपिटल की सहायक कंपनी टाटा अपॉर्चुनिटीज फंड से जुड़ गई. हालांकि टाटा अपॉर्चुनिटीज फंड के अचानक बंद होने से माया को बड़ा झटका लगा. उनके करियर में अप्रत्याशित मोड़ आया. उन्होंने टाटा डिजिटल का रूख किया, जहां उनकी जिम्मेदारी डिजिटल क्षेत्र में संभावनाएं तलाशने पर है. एन.चंद्रशेखरन के नेतृत्व में टाटा डिजिटल सर्विस के लिए 1000 करोड़ रुपये की रकम आवंजिट की गई. इसी के तहत Tata Neu ऐप को लॉन्च किया गया. हालांकि टाटा के इस ऐप को वैसा सफलता नहीं मिली, जैसी उन्होंने सोची थी. हालांकि माया ने रतन टाटा के साथ रहकर बिजनेस के गुर सीखे हैं. टाटा फैमिली को उनसे काफी उम्मीदें हैं.

नोएल टाटा के एकलौते बेटे नेवल टाटा का रिटल कारोबार पर फोकस है. बेयस बिजनेस स्कूल से ग्रेजुएट नेविल टाटा टाटा के रिटेल ब्रांड ट्रेंट हाइपरमार्केट प्राइवेट लिमिटेड में प्रमुख हैं, यह कंपनी टाटा के अलग-अलग रिटेल ब्रांड जैसे वेस्टसाइड और स्टार मार्केट को मैनेज करती है. नोविल टाटा की पत्नी किर्लोस्कर कंपनी की डायरेक्टर मानसी किर्लोस्कर हैं.