खाना पचाने से लेकर खून साफ करने तक लिवर कई सारे काम करता है। गहरे लाल-भूरे रंग वाले इस अंग का वजन 1500 ग्राम के करीब होता है। शराब इसकी सबसे बड़ी दुश्मन है, जो इसे गलाकर फैटी लिवर, लिवर सिरोसिस जैसी खतरनाक बीमारी बना सकती है।
मगर शराब के अलावा भी कुछ खाद्य पदार्थ लिवर को खराब कर सकते हैं। इस बीमारी को नॉन-एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज कहा जाता है। यानी कम या बिल्कुल शराब ना पीने वाले लोगों के लिवर की सेल्स में फैट का बढ़ना। यह बीमारी दुनियाभर में काफी तेजी से बढ़ रही है और जवानी में ही लिवर डैमेज कर सकती है।
बेटर हेल्थ चैनल (ref.) ने बताया कि नॉन-एल्कोहॉलिक फैटी लिवर का बड़ा कारण हाई ट्राइग्लिसराइड वाले फूड हैं। इसलिए इन्हें कंट्रोल में खाना चाहिए। नारियल, आलू, चावल, हनी सिरप, मक्खन आदि में ये फैट बहुत ज्यादा होता है।
हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाली चीजें खाने से प्री-डायबिटीज और डायबिटीज का खतरा होता है। जो फैटी लिवर की बीमारी का मुख्य कारण है। इसलिए गुलाब जामुन, अन्य मिठाई, सफेद ब्रेड, आलू, सफेद चावल, सॉफ्ट ड्रिंक आदि खाने से पहले सावधान हो जाएं।
मोटापा बढ़ने के साथ भी चुपचाप लिवर पर फैट चढ़ सकता है। इसलिए आप ज्यादा खाना खाने, मीठा, प्रोसेस्ड फूड, जंक फूड, फैट फूड, तेल आदि का सेवन ना करें। यह खाद्य पदार्थ लिवर को खराब कर सकते हैं।
त्रिफला चूर्ण को लिवर की सफाई करने वाला माना जाता है। जिससे फैट कम हो जाता है और इसका कामकाज बढ़ जाता है। त्रिफला पाउडर को आंवला, हरड़ और बहेड़ा का पाउडर मिलाकर बनाते हैं। इसका सेवन करने से लिवर डिटॉक्स होता है।