नई दिल्ली। मशहूर कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव को कार्डियक अरेस्ट आने के 42 दिन बाद दुनिया से विदा लेनी पड़ी। खैर ये पहली बार नहीं है इससे पहले भी कई सितारों में एहतियात बरतने के बावजूद कार्डियक अरेस्ट से जान गंवाई है। लेकिन आखिर ऐसा क्यों……क्या है कार्डियक अरेस्ट ऐसे में किन आदतों की वजह से बढ़ जाता है कार्डियक अरेस्ट का खतरा आइए जानते है…..

कार्डियक अरेस्टट के बाद इंसान का दिल काम करना बंद कर देता है। ऐसे में उसे सांस लेने में मुश्किल होती हे और बेहोश होने लगता है। दरअसल ये लेवल इलेक्ट्रिकल सिस्टम मे गड़बड़ी के कारण होता है। जहां हार्ट पंपिंग क्रिया पर असर पड़ता है और शरीर में ब्लड फ्लो थम जाता है।अधिकतर यह 30 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में ही देखा जाता है। हालांकि कई बार यह बच्चे और जवानों में भी देखा गया।

बात यदि कार्डियक अरेस्ट आने का कारण की करें तो दरअसल इसमें एरिथमिया होता है. जब दिल की धड़कनें अनियमित हो जाती हैं तो उस स्थिति को एरिथमिया कहा जाता है। ऐसे में बच्चों में सांस रुकने की वजह से भी कार्डियक अरेस्ट आ सकता है।

यह अकसर इंसान के रहन सहन के कारण होता है। जिसमें किसी तरह की कोई फिजिकल एक्टिविटी भी हो सकती है. जिन लोगों को हार्ट से जुड़ी बीमारियां होती हैं, उन्हें कार्डियक अरेस्ट का खतरा ज्यादा रहता है।

बात करें उन आदतों की जिनसे कार्डियक अरेस्ट का खतरा और बढ़ जाता है वे है….कार्डियक अरेस्ट के लक्षण की बात करें तो इसमें अचानक गिर जाना, पल्स का रुक जाना, सांस लेने में परेशानी होना, सीने में बेचैनी और दर्द महसूस करना, धड़कनों का बढ़ जाना या जबड़े में खिंचाव होना शामिल हैं।