नई दिल्ली. नकारात्‍मक शक्तियों और नजर दोष के लिए कई बार लोग बिना विशेषज्ञ की सलाह लिए लोहे का छल्‍ला उंगली में धारण कर लेते हैं. जबकि ये गलती कई बार उन्‍हें फायदे की जगह नुकसान पहुंचा देते हैं. लोहे के छल्‍ले और घोड़े के नाल की अंगूठी का संबंध शनि से है. कुंडली में शनि, राहु-केतु की स्थिति को देखकर लोहे का छल्‍ला धारण करने की सलाह दी जाती है. वहीं गलत व्‍यक्ति लोहे का छल्‍ला पहन ले तो उसे शनि के प्रकोप के साथ-साथ राहु-केतु की बुरी दृष्टि भी झेलनी पड़ती है, जो उसे जीवन में कई तरह के दुख देती है.

ज्‍योतिष शास्त्र में शनि को न्याय का देवता कहा गया है क्‍योंकि शनि व्यक्ति को उसके कर्मों के हिसाब से शुभ – अशुभ फल देते हैं. साथ ही बुरे कर्म करने वाले लोगों को दंडित भी करते हैं. इसी कारण शनि को दंडाधिकारी भी कहा गया है. जब व्‍यक्ति पर शनि की ढैय्या, साढ़ेसाती, दशा, महादशा या अंतर्दशा चल रही हो तो शनि के अशुभ फल को कम करने के लिए कई तरह के उपाय किए जाते हैं. इसमें उंगली में लोहे का छल्ला पहनना भी शामिल है. लेकिन कई बार लोग विशेषज्ञ से सलाह लिए बिना ही लोहे का छल्‍ला पहन लेते हैं. जबकि कुछ लोगों के लिए लोहे का छल्‍ला पहनना मुसीबतों को खुद बुलावा देना है. आइए जानते हैं कि किन लोगों को लोहे का छल्‍ला नहीं पहनना चाहिए.

– जिन लोगों की कुंडली में बुध, सूर्य और शुक्र एक साथ हों, उन्‍हें लोहे का छल्ला नहीं पहनना चाहिए. वरना जमकर धन हानि होती है और कंगाली छा जाती है.

– वहीं कुंडली के 12वें भाव में बुध और राहु एक साथ हों या फिर दोनों अलग-अलग भाव में नीच स्थिति में है, तो भी जातक को लोहे का छल्ला बिल्कुल नहीं पहनना चाहिए. वरना शनि और राहु जमकर कहर बरपाते हैं.

– यदि जातक की कुंडली में शनि शुभ फल दे रहा है, तो भी लोहे का छल्ला पहनने से बचना चाहए. ऐसी स्थिति में लोहे का छल्ला पहनने से शनि की स्थिति खराब हो सकती है. लिहाजा कुंडली दिखाकर ही लोहे का छल्‍ला धारण करें. लोहे का छल्‍ला धारण करने के लिए शनिवार की शाम का समय सर्वश्रेष्‍ठ होता है. बेहतद होगा कि पूरे विधि-विधान से लोहे का छल्‍ला दाएं हाथ की मध्यमा अंगुली में धारण करें.