नई दिल्ली। एक अक्टूवर से क्रिकेट के कई नियम बदल जाएंगे। इस बात की घोषणा आइसीसी ने कर दी है। आइसीसी ने यह घोषणा सौरव गांगुली की अगुवाई वाली मुख्य कार्यकारी समिति (सीईसी) द्वारा एमसीसी द्वारा दी गई सिफारिशों पर मंथन करने के बाद किया जिसमें एमसीसी के 2017 के कानूनों के तीसरे संस्करण पर चर्चा की गई थी। इन सिफारिशों को महिला क्रिकेट समिति के साथ भी साझा किया गया था।

कोरोना महामारी को देखते हुए ये नियम बनाया गया था लेकिन इतने दिनों में पाया गया कि इससे गेंदबाजों के स्विंग में कोई फर्क नहीं पड़ता है इसलिए इस नियम को 1 अक्टूवर से हमेशा के लिए लागू कर दिया जाएगा।

नए नियम के तहत यदि कोई बल्लेबाज कैच आउट होता है तो जो नया बल्लेबाज आएगा वो ही स्ट्राइक लेगा तब तक जब तक की ओवर न हुआ हो। पहले ऐसा होता था कि यदि कैच के दौरान बल्लेबाज ने रन लेने के प्रयास में एक दूसरे को क्रास कर लिया तो नया बल्लेबाज नान स्ट्राइकर पर चला जाता था। इस नियम को गेंदबाजों के विरुद्ध माना जाता था। बदलाव के बाद ये गेंदबाजों को राहत देगा।

विकेट गिरने के बाद आने वाले बल्लेबाज को अब टेस्ट और एकदिवसीय मैचों में दो मिनट के भीतर स्ट्राइक लेने के लिए तैयार होना होगा, जबकि टी20I में नब्बे सेकंड की मौजूदा सीमा लागू रहेगी।

इसके तहत बल्ले या व्यक्ति के कुछ हिस्से को पिच के भीतर रहने की आवश्यकता होगी। अगर वे इससे आगे निकल जाते हैं, तो अंपायर कॉल करेगा और डेड बॉल का संकेत देगा। कोई भी गेंद जो बल्लेबाज को पिच छोड़ने के लिए मजबूर करेगी, उसे भी नो बॉल कहा जाएगा।

गेंदबाजी करने के दौरान फील्डिंग साइड द्वारा अनफेयर मूवमेंट को अब अंपायर डेड बॉल कॉल के अलावा, बल्लेबाजी पक्ष को पांच पेनल्टी रन दे सकता है।

यदि बॉल फेंकने से पहले नॉन स्ट्राइकर क्रीज छोड़ आगे बढ़ जाता है तो वह बल्लेबाज को रन आउट कर सकता था लेकिन अब इसे डेड बॉल कहा जाएगा।

इन बड़े नियमों के अलावा जनवरी 2022 में T20I क्रिकेट में लाए गए पेनेल्टी नियम को अब वनडे मैचों में भी लागू किया जाएगा। हालांकि वनडे मैचों में यह नियम वर्ल्ड कप 2023 के बाद लागू किया जाएगा। इस नियम के तहत फील्डिंग साइड को तय समससीमा के अंदर अपने ओवर पूरे करने होते हैं। ऐसा न करने पर उन्हें 30 यार्ड सर्कल में एक अतिरिक्त खिलाड़ी रखना होता है। यानि आखिरी ओवरों में 30 यार्ड सर्कल में 4 की जगह 5 खिलाड़ियों को रखना होता है।

इसके अलावा यह भी निर्णय लिया गया है कि सभी मेंस और वुमेंस के एकदिवसीय और टी20I मैचों के लिए खेलने की शर्तों में संशोधन किया जाएगा, ताकि दोनों टीमों द्वारा सहमत होने पर हाइब्रिड पिचों का उपयोग किया जा सके। वर्तमान में, हाइब्रिड पिचों का उपयोग केवल महिला T20I मैचों में ही किया जा सकता है।