नई दिल्ली. HIV यानी कि ह्यूमन इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस। एचआईवी का इलाज न करवाने पर शरीर में इंफेक्शन बढ़ जाता है। जो कि आगे जाकर एड्स को जन्म देता है। एड्स का पूर्ण इलाज फिलहाल संभव नहीं हो सकता है। एचआईवी का पता चलते ही दवा और हेल्दी जीवनशैली अपनाकर एड्स की स्टेज तक पहुंचने से इसका बचाव हो सकता है। एड्स से बचने के लिए एचआईवी के लक्षणों को समझना काफी जरूरी है। ताकि इसका समय पर इलाज हो सके। वैसे तो पुरुष और महिलाओं में एचआईवी के लगभग एक जैसे लक्षण ही होते हैं। लेकिन कुछ लक्षण ऐसे भी होते हैं जो केवल पुरुषों में ही एचआईवी होने पर नजर आ सकते हैं।

पुरुषों में एचआईवी के लक्षण
टेस्टिकल्स यानी कि अंडकोष में दर्द महसूस होना।
मलाशय और अंडकोष की थैली के बीच दर्द महसूस होना।
प्रोस्टेट ग्लैंड में सूजन होना।
पेनिस एरिया में सूजन होना।
पेनिस पर घाव नजर आना।
इरेक्टाइल डिस्फंक्शन।
हाइपोगोनैडिज्म के लक्षण नजर आना।

HIV के शुरुआती लक्षण
बुखार आने को आप एचआईवी का पहला लक्षण मान सकते हैं। क्योंकि जैसे ही एचआईवी के वायरस आपके शरीर में प्रवेश करता है वो खून के जरिए बढ़ने लगता है। जिसके कारण इम्यूनिटी रिस्पॉन्ड करती है बुखार आता है।
बुखार आने पर आपको पसीना आएगा। ठंड महसूस होगी। थकान और गले में खराश आदि के लक्षण नजर आते हैं।

सिर में दर्द, ज्वाॅइंट्स में दर्द, स्किन में रैशेज भी नजर आ सकते हैं।
एचआईवी के शुरुआती लक्षण की बात करें तो जी मचलाना, उल्टी या डायरिया की समस्या भी हो सकती है।

अगर किसी पुरुष को एचआईवी है तो यूरिन पास करते समय दर्द हो सकता है। आपको बार-बार टॉयलेट का इस्तेमाल करना पड़ सकता है। यूरिन के साथ खून भी निकल सकता है। ब्लैडर, पेनिस या रेक्टम एरिया में दर्द भी हो सकता है। लोअर बैक या पेट के निचले हिस्से में दर्द महसूस हो सकता है। लेकिन ऐसा जरूरी नहीं है कि ये लक्षण केवल पुरुषों में ही हों। एचआईवी होने पर ये लक्षण महिलाओं में भी नजर आ सकते हैं।

एचआईवी पुष्टि के लिए करवाएं ये जांच
एचआईवी पुष्टि के लिए एक एंटीबॉडी टेस्ट किया जाता है। इस टेस्ट में खून या मुंह के तरल पदार्थ की जांच की जाती है।

खून में एचआईवी की मौजूदगी का पता लगाने के लिए एंटीजन टेस्ट भी किया जाता है।

एचआईवी की पुष्टि के लिए न्यूक्लिक एसिड टेस्ट किया जाता है। इस टेस्ट से खून में एचआईवी होने या न होने की पुष्टि मिल जाती है।

अगर एचआईवी टेस्ट पॉजिटिव आ जाता है तो व्यक्ति तो तुरंत इसका इलाज करवाना चाहिए।

इन्हें करवानी चाहिए एचआईवी की जांच
जिन लोगों को एचआईवी का ज्यादा जोखिम है उन्हें साल में एक बार जरूर जांच करवानी चाहिए।
जिन लोगों को जोखिम नहीं है उन्हें भी डॉक्टर से 13 से 64 साल की उम्र जांच करवाने की सलाह देते हैं।
एचआईवी से ग्रसित महिलाएं जिन शिशुओं को जन्म देती हैं उनकी भी जांच करवानी चाहिए।
जो लोग रक्तदान या अंगदान कर रहे हैं उनकी भी एचआईवी जांच होती है।
जो पुरुष एक से ज्यादा पार्टनर के साथ संबंध बनाते हैं उन्हें भी एचआईवी की जांच करवानी चाहिए।
गैर कानूनी इंजेक्शन, दवा या स्टेरॉयड के ज्यादा इस्तेमाल करने वाले लोगों को भी एचआईवी की जांच करवानी चाहिए।

एचआईवी से बचने के लिए समय-समय पर जांच करवाते रहना चाहिए। साथ ही हेल्थ चेकअप करवाते रहेंगे तो एचआईवी जैसे रोग से भी बचा जा सकता है। एचआईवी एक जानलेवा संक्रमण है। एचआईवी से बचने के लिए एक से ज्यादा पार्टनर से संबंध न बनाएं। एचआईवी से बचाव के लिए संबंध बनाते समय सुरक्षित उपायों को अपनाएं।