मुजफ्फरनगर। जिले की कईं शुगर मिलों का पेराई सत्र जहां शुरु हो चुका हैं, वहीं कुछ मिलों का पेराई सत्र भी शुरु होने वाला है। ऐसे में जिले के गन्ना किसानों तथा मिलों के लिए एक बडी खुशखबरी आई है, जिससे दोनों को बडा लाभ होने वाला है।

गन्ना विभाग के सर्वे के आंकड़े अगर सटीक साबित हुए तो इस बार गन्ना उत्पादन बढ़ेगा। जिले में एक लाख 76 हजार हेक्टेयर जमीन में इस वर्ष 19 करोड़ 96 लाख क्विंटल गन्ने का उत्पादन होने का अनुमान है। चीनी मिलों को इसी के आधार पर गन्ने का आवंटन किया गया है।

जनपद का 60 प्रतिशत गन्ना चीनी मिलों, 20 प्रतिशत कोल्हू, दस प्रतिशत क्रेशर, पांच प्रतिशत रस और पांच प्रतिशत बीज में जाने का अनुमान है। गन्ना विभाग के सर्वे के अनुसार जिले में 2023-24 के सत्र में 19 करोड़ 96 लाख क्विंटल गन्ने का उत्पादन होगा।

गत वर्ष 2022-23 में जनपद में 17 करोड़ 38 लाख क्विंटल गन्ने का उत्पादन हुआ। 2021-22 में यह उत्पादन 16 करोड़ 08 लाख क्विंटल रहा। 2021-22 में गन्ने का औषत उत्पादन 933 क्विंटल प्रति हेक्टेयर रहा। 22-23 में यह उत्पादन 948 क्विंटल प्रति हेक्टेयर रहा।

गन्ना विभाग के अनुसार 2021-22 में जिले के किसानों ने 982 लाख क्विंटल गन्ना चीनी मिलों में डाला है। 22-23 में किसानों ने 10 करोड़ 36 लाख क्विंटल गन्ना चीनी मिलों को दिया। इस बार यह 12 करोड़ क्विंटल तक पहुंचने की संभावना है। जिला गन्ना अधिकारी संजय सिसौदिया का कहना है कि अच्छे उत्पादन की उम्मीद है।

जिले में गन्ना का क्षेत्रफल लगातार बढ़ रहा है। 2019-20 में जनपद में गन्ने का क्षेत्रफल एक लाख 48 हजार हेक्टेयर था। 20-21 में यह एक लाख 64 हजार हेक्टेयर पर पहुंच गया। 21-22 में यह एक लाख 68 हजार हेक्टेयर को छू गया। 22-23 में यह एक लाख 71 हजार हेक्टेयर पर पहुंच गया और 2023-24 में अब यह एक लाख 76 हजार हेक्टेयर पर पहुंच गया है।

जिले के किसान प्रति वर्ष लगभग 54 लाख क्विंटल गन्ने का प्रयोग बीज में करते हैं। प्रति वर्ष लगभग 90 हजार हेक्टेयर में गन्ने की बुवाई होती है। जिले के किसान गन्ने की प्रजाति 0238 का मोह नहीं छोड़ पा रहे हैं। पूरे प्रदेश में जहां यह प्रजाति लाल सड़न रोग से प्रभावित है, वहीं यहां का किसान फसल का निरंतर उपचार करता है।