लंदन: पुरुष अपने पार्टनर के साथ आखिरकार धोखा क्यों करते हैं. इसका राज जानने के लिए समय-समय पर कई स्टडी हुई हैं. हाल में हुई रिसर्च में आखिरकार इस बात का जवाब मिल गया है कि पुरुष आखिकार किस वजह से ‘बेवफाई’ करने के लिए प्रेरित होते हैं.
नए रिसर्च के मुताबिक पुरुषों को चीट करने के लिए प्रेरित करने वाला मुख्य कारक ‘टेस्टोस्टेरोन’ हॉर्मोन होता है. यह महिला और पुरुष दोनों में होता है लेकिन दोनों इसका असर अलग अलग होता है. जब पुरुषों में ‘टेस्टोस्टेरोन’ की मात्रा बढ़ती है तो उन्हें खुद पर कंट्रोल करना मुश्किल होने लगता है. ऐसे में वे पार्टनर से अलग दूसरा साथी ढूंढने के लिए प्रेरित होते हैं. वहीं महिलाओं में इस हॉर्मोन का स्तर बढ़ने पर उनमें एक ही पार्टनर के साथ ज्यादा करीबी संबंध बनाने की चाहत बढ़ती है.
डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी ने पार्टनर से बेवफाई करने के कारणों पर रिसर्च की. इसमें कई ऐसे दिलचस्प तथ्य निकलकर सामने आए, जिससे महिला-पुरुषों के व्यवहार के समझने में मदद मिल सकती है. स्टडी में पता चला है कि ‘टेस्टोस्टेरोन’ हॉर्मोन महिला और पुरुषों में किस प्रकार अलग-अलग असर डालता है. यह भी पता चला कि 5 लक्षणों के जरिए जाना जा सकता है कि पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन कब बढ़ा हुआ होता है यानी उनके बेवफाई के चांस कब ज्यादा होते हैं.
जब पुरुषों के शरीर में टेस्टोस्टेरोन का लेवल अचानक बढ़ता है तो इसका असर उसके ब्लड प्रेशर पर पड़ता है. ऐसे में उसका ब्लड प्रेशर ऊपर या नीचे जा सकता है. जब कभी ऐसा हो तो आप समझ जाइए कि पार्टनर का टेस्टोस्टेरोन का लेवल बढ़ा हुआ है.
पुरुषों की बॉडी में टेस्टोस्टेरोन का लेवल बढ़ने की वजह से शरीर पर बालों का विकास तेजी से होता है. उसके सिर, ठुड्डी, छाती और पीठ पर बाल बढ़ने लगते हैं. कई बार बाल झड़ने या कम होने की समस्या भी सामने भी आती है. यह हॉर्मोन बढ़ने की वजह से होता है.
शरीर में टेस्टोस्टेरोन का स्तर बढ़ने पर मुंह पर कील-मुंहासे हो जाते हैं. अक्सर किशोरावस्था में यह सबसे ज्यादा दिखते हैं लेकिन 30 से 45 साल के बीच में भी चेहरे पर मुंहासे हो सकते हैं. परिवार के बड़े लोग अक्सर मुंहासे निकलने को जवानी फूटना कहते हैं. उनका कहना बिल्कुल सही होता है. मुंहासे होने पर प्यार की चाहत बढ़ जाती है.
टेस्टोस्टेरोन का लेवल बढ़ने से मूड स्विंग हो सकता है. इसके चलते पुरुष चिंता, परेशानी या चिड़चिड़ेपन का शिकार हो सकता है. अगर अभी आपके पार्टनर के साथ ऐसा हो रहा हो तो उस पर गुस्सा करने के बजाय थोड़े धैर्य का परिचय दें. जब उसका हॉर्मोन का लेवल नॉर्मल हो जाता है तो वह फिर से सामान्य अवस्था में लौट आता है.
शरीर में टेस्टोस्टेरोन का लेवल ज्यादा बढ़ जाने से अंडकोष को नुकसान हो सकता है. इससे आपका प्राइवेट पार्ट सिकुड़ सकता है. साथ ही आपमें शुक्राणु के उत्पादन का स्तर भी प्रभावित हो सकता है. अगर हॉर्मोन ज्यादा बढ़ जाए तो शुक्राणु का उत्पादन पूरी तरह बंद भी हो सकता है. से रोका जा सकता है.
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