छपरौली। श्री विद्या मंदिर इंटर कॉलेज में पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. चौधरी अजित सिंह की श्रद्धांजलि सभा व रस्म पगड़ी कार्यक्रम में भीड़ उमड़ पड़ी। छपरौली में पहली बार किसी कार्यक्रम में इतनी भीड़ पहुंची, जिससे वहां करीब छह घंटे तक सड़कें जाम रही। छपरौली कस्बे समेत आसपास के मुख्य मार्गों पर ट्रैक्टर-ट्राली, बस व अन्य वाहन ही खड़े रहे। छपरौली में कार्यक्रम खत्म होने के बाद भी हालात यह रहे कि लोग कार्यक्रम स्थल की तरफ आते रहे। सुबह करीब 10 बजे लगा जाम शाम को चार बजे तक खुल सका।

छपरौली में कार्यक्रम स्थल पर रविवार सुबह ही लोग पहुंचने शुरू हो गए थे और बड़ौत से छपरौली तक कई जगह भंडारे लगाकर देशी घी का हलवा व अन्य खाद्य सामग्री बांटी जा रही थी। जिससे छपरौली तक कई जगह जाम की स्थिति बनी थी, वहीं छपरौली में वाहन काफी होने के कारण दस बजे के बाद जाम लगना शुरू हो गया था। जिसके बाद जाम बढ़ता चला गया और जिसको जहां जगह मिली, उसने अपना वाहन वहीं खड़ा कर दिया। इससे कार्यक्रम खत्म होने के बाद भीड़ ज्यादा होने के कारण लोगों का पैदल निकलना भी मुश्किल हो गया और करीब चार बजे के बाद जाम खुला। पुलिस भी यातायात व्यवस्था बेहतर करने की जगह आराम से खड़ी रही, जिससे जाम खुलने में ज्यादा समय लगा।

छपरौली में आयोजित श्रद्धांजलि सभा व रस्म पगड़ी कार्यक्रम में युवाओं का जोश साफ दिखाई दे रहा था। हाथों में तिरंगे झंडे लेकर भारत माता की जय के नारे लगाते ट्रैक्टर – ट्रालियों में डीजे पर थिरकते हुए युवा कार्यक्रम में पहुंचे। युवाओं ने कार्यक्रम स्थल पर पहुंचकर भी हाथों में तिरंगा झंडा लेकर जय जवान, जय किसान, चौधरी चरण सिंह अमर रहे, बाबा महेंद्र सिंह टिकैत अमर रहे, चौधरी अजित सिंह अमर रहे, जंयत चौधरी जिंदाबाद के नारे लगाए।

श्रद्धांजलि सभा व रस्म पगड़ी कार्यक्रम में मंच पर चढने को लेकर रालोद नेताओं के साथ खींचतान होती रही। वहां वालंटियर केवल खाप चौधरियों व प्रतिनिधियों को मंच पर चढ़ने दे रहे थे। इसको लेकर रालोद की महिला पदाधिकारी के साथ भी धक्कामुक्की हुई तो युवा भी आपस में भिड़ गए। इसको लेकर काफी देर तक हंगामा भी हुआ और कुर्सियां भी फेंक दी गई।

जिस छपरौली की धरती पर रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी को विरासत संभालने के लिए पगड़ी पहनाई गई, उसने पूर्व प्रधानमंत्री स्व. चौधरी चरण सिंह व उनके बेटे पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी अजित सिंह का खूब साथ निभाया है। यही वजह है कि दादा और पिता की विरासत से अब जयंत चौधरी को बड़ी आस है। बागपत व बड़ौत ने भले ही कई बार रालोद का साथ छोड़ा है, लेकिन छपरौली के लोग उनके साथ खड़े रहे।

छपरौली को पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की कर्मभूमि ऐसे ही नहीं कहा जाता है। यहां से लोगों ने 84 साल पहले उनको विधानसभा में पहुंचाया था। छपरौली ने चौधरी चरण सिंह का साथ निभाना शुरू किया तो यह सिलसिला आज तक लगातार जारी है। अब वहां से चाहे चौधरी चरण के परिवार से कोई भी चुनाव लड़ा हो या उनकी पार्टी ने किसी अन्य को प्रत्याशी बनाकर उतारा हो, उसे लोगों ने हमेशा जीत दिलाकर ही भेजा है। चौधरी चरण सिंह के निधन के बाद भी छपरौली के लोगों ने पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी अजित सिंह का हाथ थाम लिया और उनका भी पूरा साथ देते रहे।

बड़ौत व बागपत ने कई बार इस परिवार का साथ छोड़ दिया और यह दोनों सीट कभी बसपा तो कभी भाजपा के खाते में पहुंचती रही। अब छपरौली से जयंत चौधरी को बड़ी उम्मीद है। रालोद अध्यक्ष बनने पर पहली बार छपरौली पहुंचे जयंत चौधरी को पगड़ी पहनाने के लिए जिस तरह से जनसैलाब उमड़ा है, उससे उनकी उम्मीद भी ज्यादा बढ़ गई है।

रालोद को पिछले कई चुनावों में भारी नुकसान हो रहा है और उसका सबसे बड़ा कारण हिंदू-मुस्लिम भाईचारा बिगड़ना रहा है। जब तक यह भाईचारा कायम रहा, तब तक चौधरी अजित सिंह की राह भी आसान रही और उनके आखिरी दो चुनावों में भाईचारा बिगड़ा तो वह भी जीत की राह तक नहीं पहुंच सके। अब जयंत चौधरी के सामने भी सबसे बड़ी चुनौती यही होगी कि वह हिंदू-मुस्लिम भाईचारा किस तरह से कायम करते है। वह इसमें कामयाब हो जाते है तो यह रालोद के लिए बड़ी संजीवनी होगा।

रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने कहा कि मैं लोगों की भावना देख रहा हूं। चौधरी साहब से लोगों का बड़ा जुड़ाव था और उनके जाने से किसान व कमेरे वर्ग को बड़ी क्षति हुई है। हम आगे उस क्षति को किस तरह से पूरी कर सकते है, यह देखा जाएगा। जयंत चौधरी ने कहा कि छपरौली में जल रहे चिराग की रोशनी पूरे देश में पहुंचती है। लेकिन अब लोगों को याद दिलाना है कि उनकी जड़े कहां है और वह मैं याद दिला रहा हूं। इसके बाद रोशनी दोबारा से पूरे देश में पहुंचेगी।

मुजफ्फरनगर जनपद के बुढाना ब्लॉक प्रमुख विनोद मलिक ने मंच से ही गठवाला खाप के थांबेदारों की ओर से जयंत चौधरी को 5 लाख रुपये की धनराशि भेंट करने का ऐलान किया।