वाराणसी। ड्रोन का इस्तेमाल अब खेती-किसानी में भी होने लगा है। इससे धान की खड़ी फसल में गेहूं के बीज की बुवाई कर सकेंगे इसमें समय की बचत होगी। बीएचयू कृषि विज्ञान संस्थान की टीम ने मिर्जापुर के एक गांव में बृहस्पतिवार को इसका ट्रायल किया।

बीएचयू कृषि विज्ञान सस्थान के निदेशक प्रो. रमेश चंद के निर्देशन वाली टीम ने किसानों को ड्रोन सिस्टम से बुवाई के बारे में  जानकारी दी। कृषि अभियांत्रिकी विभाग के प्रो. एके नेमा, प्रो. वीके मिश्रा की मौजूदगी में ग्लोबल इंजीनियरिंग कॉलेज जबलपुर से आए ड्रोन की खेती के विशेषज्ञ अभिनव कुमार सिंह ठाकुर ने मिर्जापुर के खुटहा गांव में महेंद्र मौर्या के खेत में बुवाई का ट्रायल किया।

प्रो. मिश्रा ने बताया कि इस सिस्टम को उतेरा सिस्टम कहा जाता है। इससे एक एकड़ खेत में गेहूं की बुवाई में महज पांच मिनट का समय लगेगा। खास बात यह है कि खड़ी फसल में ड्रोन से बुवाई की जा सकेगी। बताया कि मध्य प्रदेश, गुजरात में ड्रोन से बुवाई का काम पहले से ही किया जा रहा है।