मुजफ्फरनगर। खेती से पहचान बनाने वाला नावला गांव तीसरी आंख की पहरेदारी में है। यह जिले का अकेला गांव ऐसा है, जहां 64 सीसीटीवी कैमरे लगवाए गए हैं। ग्रामीण कहते हैं कि हर गली और गांव के बाहर कैमरे पहरेदारी कर रहे हैं। अब गांव में कोई आवारा पशु सड़कों पर नहीं छोड़ता। देर रात तक गलियों में घूमने वाले कुछ लोग अब सही समय पर अपने-अपने घरों में पहुंच जाते हैं। गांव की गलियों में चोरी चकारी की घटनाओं पर भी रोक लग गई है।
ग्राम पंचायत निधि से गांव में 20 लाख रुपये खर्च कर पहरेदारी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगवाए गए हैं। ग्राम पंचायत की ओर से की गई पहल का फायदा पूरे गांव को होने लगा है। ग्रामीण बताते हैं कि गलियों से चोरी की वारदातों पर पूरी तरह अंकुश लग गया है। कैमरों की वजह से अब रात के समय कोई सड़कों पर बेवजह घूमते हुए दिखाई नहीं देता। जरूरत पड़ने पर ही लोग घरों से निकलते हैं। यही नहीं कोई भी असमााजिक तत्व अब गांव में बेवजह घूमते हुए दिखाई नहीं देता।
प्रधान अनुज त्यागी बताते हैं कि घर पर ही कंट्रोल रूम बनाया गया है। प्रत्येक कैमरे पर नंबर अंकित किया गया है। ग्रामीण उनके घर आकर कैमरा नंबर बताते हैं, जिसके बाद उन्हें फुटेज दिखा दी जाती है।
करीब 15 दिन पहले ही सकौती के कुछ लोगों ने गांव के एक युवक की पिटाई कर दी थी। आरोपी फरार हो गए, लेकिन ग्रामीणों ने सीसीटीवी की मदद से उनकी पहचान की और पुलिस को जानकारी दी थी। ग्रामीण नितिन कहते हैं कि सीसीटीवी गांव के चौकीदार की तरह हो गए हैं। 24 घंटे गांव की प्रत्येक गतिविधि पर कैमरों की नजर है। पूरे गांव को लाभ मिला है। ग्रामीण मनोज सैनी बताते हैं कि किसी गली में अगर किसी का वाहन खड़ा है तो चिंता की बात नहीं है। कैमरे में दूध का दूध और पानी का पानी हो जाता है। सीसीटीवी गांव के लिए फायदेमंद साबित हुए हैं।
ग्रामीण अनुराग कहते हैं कि पहले कुछ लोग गांव में आवारा पशु छोड़ देते थे, लेकिन इस समस्या से अब निजात मिल गई है। गांव में पहरेदार और पुलिस की जरूरत नहीं, खुद कैमरे सजग प्रहरी हैं। जिले के प्रमुख गांवों में शामिल नावला,नावला की आबादी लगभग 25 हजार है। ग्राम पंचायत के लिए यहां करीब 10 हजार मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करते हैं।