मुजफ्फरनगर। दुकान के विवाद में एडीएम वित्त एवं राजस्व के आदेश पर अंसारी रोड स्थित जैदी गन हाउस खाली करा दिया गया है। यहां रखी गईं 125 बंदूकों को पहले पुलिस कोतवाली ले गई। इसके बाद देर रात संचालक के भाई को बुलाकर हथियार रिसीव करा दिए। हथियारों से लदे टेंपू आधी रात तक सड़कों पर घूमते रहे। दुकानदार का कहना है कि वह घर पर बंदूकों को नहीं रख सकते।

कोतवाली पुलिस ने बताया कि लगभग बीस साल पहले राशिद से गन हाउस संचालक जफर व मोहम्मद आलम ने दुकान को किराए पर लेकर जैदी गन हाउस के नाम से शस्त्र की दुकान खोली थी। कुछ दिन बाद दुकान को लेकर विवाद हो गया। यह मामला एडीएम वित्त एवं राजस्व के न्यायालय में विचाराधीन था। पिछले महीने न्यायालय ने दुकान खाली करने के आदेश दिए थे। मंगलवार को नायब तहसीलदार राजीव कुमार और पुलिस टीम मौके पर पहुंची। दुकान को खाली करा दिया और वहां से मिले 125 बंदूक, दो रिवाल्वर और दो पिस्टलों को पुलिस कब्जे में लेकर कोतवाली ले आई। इसके बाद मामला उलझ गया। पुलिस ने जफर और उसके भाई को कोतवाली बुलाकर बंदूकों को ले जाने की बात कही, लेकिन उन्होंने इन्कार कर दिया। संचालकों का कहना है कि वह कानूनी रूप से शस्त्र अपने घर में नहीं रख सकते। गन हाउस संचालन के नियम हैं। देर रात पुलिस ने संचालक के भाई को बुलाकर हथियार रिसीव करा दिए। इसके बाद पुलिस ने इन लाइसेंसी हथियारों से लदे तीन टेम्पो संचालक के घर भेज दिए। यहां देर रात तक हथियार देखने के लिए लोगों की भीड़ लग गई।

न्यायालय के आदेश का पालन कर जैदी गन हाउस की दुकान को खाली कराया गया है। वहां रखे शस्त्र पुलिस ने कब्जे में लिए हैं। इस बारे में अधिकारियों के आदेश पर आगे की कार्रवाई की गई है।

संचालक हसनैन ने डीएम को प्रार्थना पत्र दिया था कि जिला जज के न्यायालय में प्रार्थना पत्र विचाराधीन है। अधिवक्ताओं की हड़ताल के चलते निस्तारण नहीं हो रहा है। इसी वजह से समय दिया जाना चाहिए।