सहारनपुर। शुल्क वृद्धि के विरोध में तीन दिन पहले मुजफ्फरनगर में छात्रों ने प्रदर्शन किया था। इसके बाद भीम आर्मी स्टूडेंट फेडरेशन और एबीवीपी के पदाधिकारियों ने भी विश्वविद्यालय में प्रदर्शन करते हुए शुल्क वृद्धि वापस लेने की मांग की थी। मामले में विश्वविद्यालय ने पांच सदस्यीय समिति गठित की थी। छात्रों की समस्या को देखते हुए राकेश टिकैत भी मंगलवार को कुलपति प्रो. एचएस सिंह से मिले थे। इसके अलावा स्ववित्तपोषित संस्थानों के पदाधिकारियों के प्रतिनिधिमंडल ने भी कुलपति से मिलकर शुल्क वृद्धि वापस लेने की मांग की थी। तमाम विरोध और मांग को देखते हुए विश्वविद्यालय ने प्रस्ताव स्थगित कर दिया है। विद्यार्थियों के विरोध तथा भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत व स्ववित्तपोषित संस्थानों के संचालकों की मांग और विरोध को देखते हुए विश्वविद्यालय ने प्रस्ताव स्थगित कर दिया है यानी नए सत्र से विद्यार्थियों को बढ़ा हुआ परीक्षा शुल्क नहीं चुकाना पड़ेगा।

विश्वविद्यालय के वित्त अधिकारी शुल्क वृद्धि को लेकर छात्रों के विरोध तथा जन प्रतिनिधियों तथा महाविद्यालयों से प्राप्त प्रत्यावेदनों का संज्ञान लेते हुए कुलपति प्रो. एचएस सिंह द्वारा समिति गठित की गई थी। समिति ने 12 दिसंबर को हुई बैठक में सर्वसम्मति से यह प्रस्तावित किया कि विश्वविद्यालय द्वारा वित्त समिति तथा कार्यपरिषद द्वारा पारित शुल्क वृद्धि का प्रस्ताव जो शासन को भेजते हुए सत्र 2023-24 से लागू किया गया है, उसे तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया जाए। ऐसे में सत्र 2023-24 में वही शुल्क लागू किया जाएगा जो चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ में प्रचलित है।