मुजफ्फरनगर। जिला महिला अस्पताल में सीजेरियन ऑपरेशन को लेकर पसरी दहशत की परतें खुलकर सामने आने लगी है। अब तक तीन महिलाओं की मौत का मामला सामने आया है। ऑपरेशन के बाद हालत बिगड़ने पर तीन महिलाओं को महिला अस्पताल से रेफर कर दिया गया था। रेफर होने के बाद मौत हुई। डीएम चंद्रभूषण सिंह ने सीडीओ संदीप भागिया और सीएमओ डॉ. महावीर सिंह फौजदार को जांच सौंपी है।

सहारनपुर के देवबंद की टीचर कॉलोनी निवासी सुमित चौहान ने बताया कि उन्होंने अपनी पत्नी संगीता (34) को प्रसव पीड़ा के चलते 18 अगस्त को भर्ती कराया था। शाम छह बजे उनका ऑपरेशन हुआ। संगीता ने लड़के को जन्म दिया। रात दो बजे संगीता की हालत बिगड़ गई और ऑक्सीजन की कमी हो गई। डॉक्टरों ने तुरंत रेफर कर दिया। पीड़ित परिवार सुबह करीब सवा पांच बजे ईवान हॉस्पिटल पहुंचा 19 अगस्त की सुबह संगीता की मौत हो गई।

शहर के मल्हूपुरा निवासी कपड़े का काम करने वाले विशाल ने अपनी पत्नी सुहानी को प्रसव के लिए 18 अगस्त को जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराया था। शाम करीब साढे छह बजे सीजेरियन ऑपरेशन से लड़का पैदा हुआ। परिवार के अंशुल अरोरा ने बताया कि 19 अगस्त की सुबह जिला अस्पताल से उन्हें कॉल कर आनन-फानन में बुलाया गया। कुछ ही देर में सुहानी को रेफर कर दिया गया। परिजन उसे लेकर ईवान हॉस्पिटल पहुंचे, जहां से मेरठ के लिए रेफर कर दिया गया। मेरठ में उपचार के दौरान 20 अगस्त को सुहानी की मौत हो गई।

11 अगस्त को बिगड़ा था पहला मामला
जिला अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि 18 अगस्त को महिलाओं की तबीयत बिगड़ी थी। लेकिन यह मामला 11 अगस्त से चल रहा है। शहर के गंगारामपुरा निवासी शुभम राज ने अपनी पत्नी मनीषा को प्रसव पीड़ा के चलते भर्ती कराया। शाम पांच बजे ऑपरेशन से स्वस्थ लड़की पैदा हुई। 12 अगस्त को मनीषा को तेज दर्द हुआ और ब्लीडिंग होने लगी। महिला अस्पताल से उसे मेरठ मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया गया। परिवार के लोग मेरठ के लिए लेकर चले, लेकिन टोल प्लाजा के पास पहुंचते ही मौत हो गई।

हिंदू महासभा ने किया पांच महिलाओं की मौत का दावा
अखिल भारत हिंदू महासभा के पदाधिकारियों ने सोमवार को पीड़ित परिवार के साथ जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर डीएम चंद्रभूषण सिंह को ज्ञापन दिया। जिलाध्यक्ष लोकेश सैनी ने बताया कि 6 महिलाओं के ऑपरेशन किए गए थे, जिनमें से 5 की मौत हो गई। जिला महिला अस्पताल की चिकित्सकों ने महिलाओं को अलग-अलग प्राइवेट अस्पतालों में रेफर किया गया था।

ड्रग इंस्पेक्टर ने लिए दवाइयों के सैंपल
सोमवार को ड्रग इंस्पेक्टर पवन शाक्य ने करीब 25 दवाई और इंजेक्शन के सैंपल लिए है। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा सभी दवाई के सैंपल ले लिए गए है, जिन्हे अब जांच के लिए गोरखपुर भेजा जाएगा।

ऑपरेशन शुरू, जच्चा और बच्चा स्वस्थ
जिला महिला अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षिका डॉ. आभा आत्रेय का कहना है कि रविवार और सोमवार को 2-2 महिलाओं की सिजेरियन डिलीवरी की गई। चारों महिलाओं की हालत बिल्कुल ठीक है। फिलहाल दवाई बदलकर ऑपरेशन किए जा रहे है। उन्होंने कहा कि महिलाओं की हालत बिगड़ने से मरीज और स्टाफ डरे हुए थे। अभी सब नॉर्मल होता जा रहा है।

क्या है मामला
जिला महिला अस्पताल में 18 अगस्त को महिलाओं के सीजेरियन ऑपरेशन हुए। तीन महिलाओं की हालत बिगड़ने पर रेफर कर दिया गया। अस्पताल प्रबंधन ने 23 अगस्त तक ओटी बंद कर दी और उपकरणों की जांच कराई। जांच नॉर्मल आई, लेकिन 27 अगस्त तक महिलाओं के ऑपरेशन शुरू नहीं हुए। महिलाएं और तीमारदार डरे हुए थे। 28 अगस्त की रात से दोबारा ऑपरेशन शुरू हुए। महिलाओं की हालत बिगड़ने को लेकर यहां दहशत पसरी है।