मुजफ्फरनगर। भाकियू अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत और केंद्रीय मंत्री डॉ. संजीव बालियान के बीच लगभग एक साल से चली आ रही संवादहीनता टूट गई है। दिल्ली बॉर्डर पर किसान आंदोलन के दौरान भाकियू प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत के आंसू गिरने के बाद से भाकियू अध्यक्ष नाराज थे। सामाजिक रूप में बालियान की ओर से की गई पहल से गतिरोध टूटा है।

किसान आंदोलन के बाद से भाकियू और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच तनाव की स्थिति रही है। सार्वजनिक रूप से एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी का दौर भी चला। नाराजगी के लंबे सिलसिले के बाद सोमवार को केंद्रीय मंत्री डॉ. संजीव बालियान ने पहल की। समर्थकों के साथ वह सिसौली में टिकैत के स्वास्थ्य का हाल जानने पहुंचे। यहां पर करीब एक घंटे की मुलाकात में दोनों पक्षों ने एक-दूसरे का हाल जाना। चुनाव या सियासी माहौल पर कोई बातचीत नहीं हुई। लेकिन मुलाकात से लंबे समय से बना आ रहा गतिरोध टूट गया है।

किसान आंदोलन के बाद दो बार पहले भी केंद्रीय मंत्री डॉ. संजीव बालियान सिसौली गए थे। नगर पंचायत अध्यक्ष यशपाल बंजी के परिवार में हुए शादी समारोह में काफी देर तक रुके थे। इसके बाद पिछले महीने भाजपा किसान मोर्चा में जिला उपाध्यक्ष नितिन बालियान की दादी के निधन पर भी बालियान सिसौली गए थे।

भाकियू अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत और केंद्रीय मंत्री डॉ. संजीव बालियान के एक-दूसरे के खिलाफ दिए गए बयान सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हुए थे। विधायक उमेश मलिक पर हुए हमले के बाद भौराकलां थाने में बालियान का बयान खूब वायरल हुआ। इसके बाद टिकैत ने चेतावनी भरे लहजे में बालियान को मुजफ्फरनगर मेें नहीं घुसने देने वाला
बयान दिया था। जिला पंचायत चुनाव को लेकर भी तल्खी बढ़ी। दोनों के बयान वायरल हुए।

भाकियू के मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक का कहना है कि किसी पार्टी का नहीं, बल्कि सरकार की नीतियों का विरोध है। किसान 13 महीने तक दिल्ली के बॉर्डर पर रहे। सात सौ किसानों की मौत हुई। किसी को कुछ भी बताने की जरूरत नहीं है, किसान सब जानते हैं।