नई दिल्ली। यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने से हमारे शरीर में कई तरह से परेशानियां उत्पन्न हो सकती है. ब्लड में इसकी मात्रा बढ़ने पर जोड़ों में सूजन की समस्या आ जाती है. इसके साथ ही यूरिक एसिड की बढ़ी हुई मात्रा कई बार हृदय और किडनी रोग के लिए भी जिम्मेदार होती है. यूरिक एसिड का प्यूरिन से उत्पादन होता है जो कि हमारे शरीर में प्राकृतिक रूप से पाया जाता है. यह पेशाब के द्वारा हमारे शरीर से बाहर चला जता है.
यूरिक एसिड में महीन कण होते हैं और जब इसकी मात्रा बढ़ने लगती है को पेशाब के मार्ग में ये कण धीरे धीरे जमा होने लगते हैं जिससे पेशाब में भी दिक्कत आने लगती है. यह समस्या तब और अधिक बढ़ जाती है जब कितनी यूरिक एसिड को बाहर निकालने का काम नहीं कर पाती और क्रिस्टल जमा होने लगता है.
शरीर में बढ़ें हुए यूरिक एसिड के स्तर को ठीक करने के तरीकों में से एक सबसे सर्वोत्तम उपाय यह है कि आप क्या खा रहे हैं, इस पर ध्यान दें. कुछ खाद्य पदार्थों में प्यूरीन की मात्रा अधिक होती है और इनसे बचना चाहिए. इस स्थिति से पीड़ित व्यक्ति को फलों और सब्जियों का सेवन करते समय भी सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि उनमें पाया जाने वाला फ्रुक्टोज रक्त में यूरिक एसिड के उत्पादन को बढ़ा सकता है.अगर आपमें यूरिक एसिड की मात्रा अगर बढ़ रही है तो आपको इन खाद्य पदार्थों से दूरी बना लेनी चाहिए.
किशमिश अंगूर से बनती है और इसमें भरपूर मात्रा में प्यूरीन पाया जाता है. प्यूरीन वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करने से गाउट की समस्या भी बढ़ सकती है, क्योंकि यह रक्त में यूरिक एसिड की मात्रा को बढ़ाता है. गाउड के मरीजों को किशमिश के सेवन से बचना चाहिए.
इमली के गूदा कई तरह से हमारे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है, लेकिन गाउट की समस्या से पीड़ित लोगों को इसे खाने की सलाह नहीं दी जाती. इसमें मौजूद फ्रक्टोज की मात्रा यूरिक एसिड के उत्पादन को उत्तेजित कर देती है, जिससे परिणाम बदतर हो जाते हैं.
सेब में बहुत सारे पौष्टिक तत्व मौजूद रहते हैं. डॉक्टर्स हर दिन एक सेब खाने की सलाह देते हैं, लेकिन यह फ्रक्टोज का भंडार माना जाता है. सेब का बहुत अधिक सेवन गठिया के मरीजों का दर्द बढ़ा सकता है.
खजूर में किशमिश और सेब की अपेक्षा कम प्यूरिन पाया जाता है, लेकिन इसमें फ्रक्टोज की मात्रा अधिक होती है. खजूर का अधिक सेवन ब्लड में यूरिक एसिड की मात्रा को बढ़ा सकता है.