एक फरवरी, 2022 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को अपना चौथा केंद्रीय बजट पेश करने वाली हैं। इसपर पूरे देश की नजरें टिकी हुई हैं। जहां व्यापारी व्यापार में राहत की उम्मीद लगाए बैठा है तो वहीं आम आदमी को महंगाई से राहत मिलने की आस है, जबकि एक नौकरीपेशा को बजट से आयकर में छूट की उम्मीद रहती है। हालांकि, मोदी सरकार कई बार अपने फैसलों से लोगों को हैरान कर चुकी है। एक रिपोर्ट के मुताबिक सरकार इस बार बजट में टैक्स स्लैब में बदलाव करके टैक्सपेयर्स को राहत दिला सकती है। दरअसल, आम आदमी को आखिरी बार 8 साल पहले ही आयकर में छूट मिली थी। साल 2014 में सरकार ने आयकर छूट की सीमा 2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये की थी। वहीं 60 से 80 वर्ष के उम्र के नागरिकों को टैक्स छूट की सीमा 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये की गई थी। इस बार भी अनुमान लगाए जा रहे हैं कि बजट में करदाताओं को बड़ी राहत मिल सकती है।

इस अनुमान के तहत मूल आयकर छूट सीमा को 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये तक करने का ऐलान किया जा सकता है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 3.5 लाख रुपये करने की संभावना जताई जा रही है। साथ ही शीर्ष आय स्लैब को मौजूदा 15 लाख रुपये से ऊपर संशोधित किए जाने के बारे में कहा जा रहा है।

हालांकि, केंद्र सरकार के द्वारा 2020 में एक नई टैक्स व्यवस्था पेश की गई थी। नई टैक्स व्यवस्था के तहत सरकार की ओर से टैक्स छूट और कटौती को छोड़ने की इच्छा रखने वाले लोगों के लिए टैक्स की दरें घटा दी गई थी। नई टैक्स व्यवस्था की बात करें तो 2.5 से 5 लाख के बीच की आय करने वालों पर 5 प्रतिशत के हिसाब से टैक्स लगता है। पुरानी व्यवस्था के मुताबिक 5 लाख से 7.5 लाख तक की पर्सनल आय पर 20 प्रतिशत की दर से टैक्स लगाया जाता है, वहीं नए व्यवस्था के अनुसार टैक्स की दर को 10 फीसदी रखा गया है। वहीं पुराने हिसाब किताब में 7.5 लाख से 10 लाख के बीच की आय करने वालों पर 20 प्रतिशत की दर से कर लगता था, जबकि नई व्यवस्था में कर की दर को 15 फीसदी रखा गया है।

नया आयकर स्लैब
0 से 2.5 लाख की आय पर – 0%
2.5 से 5 लाख की आय पर- 5%
5 लाख से 7.5 लाख की आय पर-10%
7.50 लाख से 10 लाख की आय पर- 15%
10 लाख से 12.50 लाख की आय पर- 20%
12.50 लाख से 15 की आय पर- 25%
15 लाख ऊपर आमदनी की आय पर- 30 फीसदी

पुराना आयकर स्लैब
2.5 लाख तक की आय पर- 0%
2.5 लाख से 5 लाख तक की आय पर- 5%
5 लाख से 10 लाख तक की आय पर- 20%
10 लाख से ऊपर की आय पर- 30%