जसवंत राय चूड़ामणि ट्रस्ट सोसाइटी के चेयरमैन अशोक गुप्ता ने बताया कि शीला गुप्ता करीब 19 साल तक सुशीला जसवंत राय अस्पताल की चेयरपर्सन रहीं। अस्पताल की आर्थिक हानि को देखते हुए 15 दिसंबर 2019 को एक आम बैठक में सभी ट्रस्टियों ने सर्वसम्मति से शीला गुप्ता को पद से हटा दिया। इनके स्थान पर राजीव गुप्ता को चेयरमैन बनाया गया। शीला गुप्ता से उनके कार्यकाल की खाता-बही मांगी गई तो उन्होंने देने से इनकार कर दिया।
वहीं शक होने पर चार्टेड अकाउंटेंट एसके गोयल से साल 2016 से 2019 के बीच का फोरेंसिक ऑडिट कराया गया तो उसमें सनसनीखेज जानकारी सामने आई। केवल तीन साल के दौरान करीब एक करोड़ रुपये का घोटाला उजागर हुआ। जांच में सामने आया कि शीला गुप्ता ने अपनी बेटी व अस्पताल की सचिव नूतन और सहसचिव प्रदीप शर्मा के साथ जालसाजी करके कच्चे बिल और कूटरचित दस्तावेज तैयार किए। इनके आधार पर एक करोड़ रुपये का गबन कर लिया। बीते साल नवम्बर में शीला गुप्ता पत्नी ज्ञान प्रकाश, नूतन पुत्री ज्ञान प्रकाश व प्रदीप शर्मा पुत्र टीसी शर्मा निवासी लाल बाग मुजफ्फरनगर के खिलाफ गबन की तहरीर थाना सिविल लाइन में दी गई। एक साल तक रिपोर्ट दर्ज नहीं होने के बाद ट्रस्ट ने अदालत की शरण ली। गुरुवार को अदालत के निर्देश पर रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। एक साल पूर्व शीला गुप्ता, डॉ. मलय, मृदुला शर्मा, श्रेया व ब्रह्मदत्त के खिलाफ ट्रस्ट की संपत्ति हड़पने की रिपोर्ट दर्ज की जा चुकी है।
अक्षम्य है ऐसा करना
शीला गुप्ता लगातार ट्रस्ट द्रोही कार्यों में लिप्त हैं। करोड़ों रुपये की धनराशि उन्हें गरीब व असहाय मरीजों के इलाज के लिए दी गई थी। शीला गुप्ता ने इस राशि का गबन कर अक्षम्य अपराध किया है। साथ ही महान परोपकारी व स्वतंत्रता सेनानी लाला जसवंत राय जी की आत्मा को ठेस पहुंचाई है।