बागपत। बामनौली गांव में बुधवार दोपहर जमीन कब्जामुक्त कराने पहुंची चकबंदी टीम और पुलिस टीम के सामने ही सेवानिवृत्त दरोगा के बेटे ने जहर खा लिया। जिससे वहां हड़कंप मच गया और टीम कार्रवाई बीच में छोड़ वापस लौट गई। सेवानिवृत्त दरोगा के बेटे को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से उसे मेरठ रेफर कर दिया गया।
बामनौली गांव में चकबंदी के बाद यूपी पुलिस के सेवानिवृत्त दरोगा तेजपाल और उसके भाई लाला को 22 जमीन पर कब्जा नहीं मिल सका है। वह कई बार अधिकारियों से जमीन पर कब्जा दिलाने की मांग करते हुए प्रार्थना पत्र दे चुके थे। जिस पर कार्रवाई करते हुए चकबंदी विभाग से एसीओ अब्दुल हसन, कानूनगो राज, लेखपाल कंवरपाल सिंह बुधवार को अपने साथ दोघट थाने से पुलिस लेकर बामनौली में पहुंचे।
उन्होंने कहा कि तेजपाल की जमीन पर गांव के हरियाणा पुलिस के सेवानिवृत्त दरोगा राजबीर ने कब्जा किया हुआ है। उस पर गन्ने की फसल की बुआई की हुई है। जमीन पर कब्जा दिलाने के लिए गन्ने की फसल पर ट्रैक्टर चलवा दिया गया। राजबीर के बेटे विकास उर्फ विक्की ने चकबंदी विभाग के अधिकारियों को समझाने का प्रयास किया। इसके बाद भी टीम कार्रवाई करती, जिससे आहत होकर विकास ने जहरीला पदार्थ खा लिया।
इससे चकबंदी विभाग के अधिकारियों में अफरातफरी मच गई और टीम कार्रवाई पूरी किए बिना के लिए वहां से चली गई। वहीं पुलिस अपने साथ विकास को बड़ौत सीएचसी लेकर पहुंचे, जहां से उसे जिला अस्पताल भेज दिया गया। जिला अस्पताल से उसे मेरठ रेफर किया गया है और उसकी हालत सामान्य बताई गई है।
चकबंदी विभाग से परेशान होने के कारण जहर खाने की बात बताई जा रही है। इस मामले में कोई शिकायत नहीं मिली है। शिकायत के आधार पर जांच करके कार्रवाई की जाएगी। – युवराज सिंह, सीओ बड़ौत