चरथावल। पानी के बहाव में कल्लरपुर रजबहे की पटरी टूटने से तीन जिलों के 20 से ज्यादा गांवों का आवागमन प्रभावित हो गया। रोनी हरजीपुर के एक दर्जन किसानों के खेतों में पानी और मिट्टी भरने से फसल को नुकसान हुआ। बिरालसी-रोनी हरजीपुर के बीच पटरी टूटने से पानीपत खटीमा मार्ग और सहारनपुर के वाहनाें को वैकल्पिक मार्ग से निकाला गया।
दोपहर बाद अचानक रजबहे की पटरी पर बिरालसी के निकट गड्ढा बन गया। एसडीएम सदर ने मौके पर पहुंचकर संबंधित विभाग के अधिकारियों को मौके पर बुलाकर सड़क की मरम्मत कराने का अभियान चलाया। दिन में करीब दो बजे कल्लरपुर रजबहे में पानी के तेज बहाव में पानी में समा गई। अचानक पटरी के टूटने से शामली और सहारनपुर जिलों के कई गांवों का आवागमन बंद हो गया। भाकियू युवा मंडल अध्यक्ष विकास शर्मा ग्रामीणों के साथ मौके पर पहुंचे।
ग्रामीणों ने पुलिस और प्रशासन को पटरी टूटने से रास्ता बंद होने के बारे में अवगत कराया। थाना प्रभारी मौके पर पहुंचे। सिचाई विभाग और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर क्षतिग्रस्त मार्ग पर मिट्टी भराव शुरू कराया। करीब पांच घंटे से ज्यादा इस मार्ग पर आवागमन पूरी तरह बंद रहा। देर शाम तक टीम मार्ग को ठीक कराकर आवागमन चालू कराने में जुटी थी।
पटरी टूटने से रोनी हरजीपुर के किसानों की फसल बर्बाद हो गई। करीब 12 किसानों के 200 बीघा के रकबे में पानी के साथ पत्थर और मिट्टी बहकर आने से फसलों को नुकसान पहुंचा है। भाकियू नेता ने प्रशासन से किसानों को मुआवजा दिलाने की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है 15 दिन पूर्व इस नहर पटरी का नवीनीकरण किया गया था। क्षेत्रीय सांसद हरेंद्र मलिक के पुत्र निशांत मलिक भी मौके पर पहुंचे और बर्बाद फसलों का मुआवजा किसानों को दिलाने की मांग की।
इस मार्ग से करीब 20 से ज्यादा गांवों के लोगों का आवागमन रहता है। लोनिवि ने करीब 15 दिन पूर्व पटरी का नवीनीकरण कराया था। पटरी अकसर आवागम करने वाले सहारनपुर के जड़ौदा पांडा, मोहन अंबेहटा, मोरा एवं मुजफ्फरनगर के बलवाखेड़ी, पिलखनी, कान्हाहेड़ी, बिरालसी, रोनी हरजीपुर, मंगनपुर, पीपलहेड़ा, सोहंजनी जाटान आदि के लोगों के वाहनों का आवागमन पांच घटे बंद रहा। दरअसल, इस मार्ग से आवगमन में जाम के झंझट बेफिक्र लोग पानीपत- खटीमा मार्ग और मेरठ- करनाल हाईवे पर सफर करना मुफीद मानते हैं।
कल्लरपुर रजबहे में पानी अधिक आने से मिट्टी का कटाव हो गया। इसी वजह से खेतों में पानी भर गया। प्रभावित किसानों की फसल के नुकसान का आंकलन कराया जा रहा है। उनकी सूची तैयार कर ली गई है। दिन में पटरी के कटाव से बड़ा हादसा हाेने से टल गया है। उन्होंने किसी विभाग की लापरवाही के बारे में कोई जवाब नहीं दिया। कहा यह तकनीकी विभाग के इंजीनियर बता पाएंगे। फिर भी जांच कराई जा रही है।
निर्माण खंड-1 के अधिशासी अभियंता मोहम्मद आरिफ से बताया पटरी करीब 10 वर्ष पुरानी है। इसमें किसी की लापरवाही नहीं है, ना ही कोई निर्माण में खराबी है। पटरी का कटाव जड़ से हुआ है जबकि विभाग का सड़क निर्माण का कार्य ऊपर का होता है। उन्होंने बताया सात बजे मिट्टी भराव का कार्य अधिकांश पूरा करा दिया है। रात में पहले की तरह सड़क पर वाहनों का आवागमन पूर्ववत शुरू हो जाएगा। एसडीओ इकराम अहमद एवं सिवाई विभाग के एसडीओ और जेई मौजूद रहे।