मुजफ्फरनगर। बैंकिंग अधिनियम संशोधन बिल और बैंकों के निजीकरण के विरोध में कर्मचारियों ने धरना प्रदर्शन किया। यूनाईटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस ने एलान किया कि संघर्ष जारी रहेगा। निजीकरण से बैंक कर्मचारियों के साथ-साथ आमजन को भी नुकसान होगा। हड़ताल के पहले दिन करीब तीन सौ करोड़ रुपये का लेन-देन प्रभावित हुआ। लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा।

बैंक कर्मचारी नई मंडी स्थित पंजाब नेशनल बैंक की शाखा के बाहर एकत्र हुए। दो घंटे तक विरोध प्रदर्शन किया। निजीकरण और संशोधन बिल के विरोध में नारेबाजी की गई। यूनियंस के अध्यक्ष आरपी शर्मा, अशोक शर्मा और गौरव किशोर ने कहा कि संसद में सरकार ने बैंकिंग अधिनियम संशोधन को पेश करने की घोषणा की है, इससे देश के लाखों बैंक कर्मचारियों के अलावा आमजन को नुकसान होगा। बैंकों के निजीकरण से जनता बेहाल है। पीएमसी बैंक, लक्ष्मी विलास बैंक और यस बैंक के बंद होने पर जनता का जमा धन अभी तक नहीं मिल पाया है। यदि सरकार राष्ट्रीयकृत बैंकों को निजी हाथों में सौंपती है तो आम जनता, किसानों और मजदूरों को ऋण मिलना भी असंभव हो जाएगा। छात्रों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने में भी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। राजीव जैन, तेजराज गुप्ता, प्रदीप मलिक, मुकेश भार्गव, बीके सूर्यवंशी, रविंद्र सिंह, डीके बंसल, आशीष भटनागर, यशवीर सिंह, रचित संगल, अभिलाष, सुधा, राजीव मलिक, शौकीन, दीपांकर, लक्ष्मण सिंह, प्रभात कुमार, फतेह सिंह, प्रदीप चौधरी और ईश्वर सिंह मौजूद रहे।

एलडीएम राजेश तोमर ने बताया कि हड़ताल के पहले दिन तीन सौ करोड़ रुपये का लेन-देन प्रभावित हुआ है। जिले में 298 बैंक शाखाएं हैं, जिनमें कर्मचारी हड़ताल पर रहे। बैंक कर्मचारी हड़ताल के दूसरे स्टेट बैंक की रेलवे रोड स्थित शाखा के बाहर धरना प्रदर्शन करेंगे। कर्मचारियों का कहना है कि सरकार नहीं मानी तो आंदोलन को और अधिक तेज किया जाएगा। शहर में कई बैंकों के एटीएम दोपहर के समय खाली हो गए। लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। लोग एक से दूसरे एटीएम पर घूमते रहे। एटीएम में रुपये नहीं होने की समस्या शुक्रवार को बढ़ सकती है।