मुज़फ्फरनगर। चरथावल क्षेत्र के दूधली गांव में खेत पर गए दो किसानों की मौत हो गई। परिजनों ने गर्मी और लू लग जाने से मौत की वजह बताई जबकि प्रशासन का कहना है कि परिजनों ने पोस्टमार्टम कराने से इन्कार कर दिया। शुक्रवार सुबह करीब 7.30 बजे प्रेम सिंह (75) रोजाना की तरह ईख में कल्टीवेटर चलाने गए थे। उनके दो बेटे सुभाष और सोनू साथ गए थे। गर्मी में थकान के चलते बुजुर्ग प्रेम सिंह खेत में बैठ गए जबकि उसके बाद दोनों बेटे खेत में काम कर रहे थे। तभी अचानक प्रेम सिंह खेत में पीछे की तरफ गिर पड़े। उनके बेटे एवं परिजन तत्काल उन्हें शामली क्षेत्र में चिकित्सक को दिखाने गए। लेकिन उन्हें मृत घोषित कर दिया।
मृतक के भतीजे एवं ग्राम प्रधान शोभित पुंडीर के अनुसार चिकित्सक ने बताया है कि संभवत: अत्यधिक गर्मी में रक्तचाप घटने से उनकी हालत बिगड़ती चली गई। स्थिति काबू में नहीं आने के कारण उनकी मृत्यु हो गई। वह पूरी तरह स्वस्थ थे और खेत पर जाते थे। एक बेटा गाजियाबाद रहता है।
दूधली में ही स्वतंत्रता सेनानी ठाकुर श्याम सिंह के पुत्र रामपाल सिंह (70) बेटों के मना करने के बावजूद शुक्रवार सुबह नौ बजे खेत पर चक्कर लगाने गए थे। गर्मी के कारण उस समय खेत पर कोई नहीं था। बताया गया कि पैर फिसलने से वह खेत में गिर गए। इस दौरान धूप में उनकी त्वचा भी काफी जल गई थी। करीब डेड़-दो घंटे तक घर नहीं पहुंचने पर बेटों और परिजनों ने उन्हें खेत पर तलाश किया। खेत में बेसुध हालत में देख परिजन उन्हें निजी चिकित्सक के पास लेकर गए। लेकिन उन्हें भी मृत घोषित कर दिया। प्रधान शोभित मृतक के नजदीकी रिश्तेदार लगते थे। उन्होंने बताया उनकी मौत गर्मी में बीपी डाउन होने के कारण हार्ट अटैक से हुई है। मृतक के चार लड़के हैं।
डीएम के निर्देश पर राजस्व विभाग की टीम दूधली में पहुंची। मृतक प्रेम सिंह का अंतिम संस्कार पहले कर दिया गया था लेकिन देर शाम तक रामपाल सिंह के परिजन और रिश्तेदार शव का पोस्टमार्टम कराने को तैयार नहीं हुए। बाद में उनके शव का बिना पोस्टमार्टम के अंतिम संस्कार करने पर सहमति बनी। डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी का कहना है कि प्रशासन की टीम गांव भेज दी थी। मौत की वजह पोस्टमार्टम से डॉक्टर ही बता सकते हैं। प्रशासन की टीम ने परिजनों को कानून की जानकारी देकर पोस्टमार्टम कराने के लिए आग्रह किया था, लेकिन परिजन नहीं माने।