मुजफ्फरनगर। चौधरी महेन्द्र सिंह टिकैत की 87वीं जयंती पर केन्द्रीय पशुपालन राज्यमंत्री डा. संजीव बालियान ने कहा कि बाबा टिकैत महानायक थे। उन्हीं का प्रयास था कि क्राइम कैपिटल के नाम से सुर्खियों में रहने वाले मुजफ्फरनगर को अब किसान कैपिटल के नाम से जाना जाता है। बाबा टिकैत ने किसानों की आवाज को अभूतपूर्व मजबूती दी। पहले अधिकारी के दर पर खड़े होने में डरने वाला किसान अब सरकार हिला देता है।
अपने मुजफ्फरनगर स्थित आवास पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में केंद्रीय राज्यमंत्री डा. संजीव बालियान ने कहा कि किसान अपनी फसल को देश में कहीं भी बेच सके, इसके बाबा टिकैत हिमायती थे। इसी कारण कृषि कानून में संघर्ष के बाद इसे शामिल कराया गया। अब इसका विरोध किया जा रहा है। केंद्रीय राज्यमंत्री ने कहा कि किसान संगठन व सरकार में संवाद बना रहना चाहिए, जिससे समस्याओं का समाधान होगा। कहा कि तीन कृषि कानून किसानों के हित में हैं। इसका विरोध किसानों के लिए दुखदायी है। टिकैत परिवार को बालियान खाप का हिस्सा बताते हुए अपना परिवार कहा। चौधरी टिकैत को अपना आदर्श और नरेश टिकैत को अपना आदरणीय बताया। कहा कि चौधरी टिकैत ने देश-विदेश में बालियान खाप व किसानों को एक पहचान दी।
पूर्व विधायक उमेश मलिक ने कहा कि बाबा टिकैत की प्रेरणा से ही किसानों की लड़ाई सड़क से विधानसभा तक लड़ी जा रही है। बाबा ने अन्याय के खिलाफ हमेशा बिगुल बजाया। भाजपा नेता राजू अहलावत ने कहा कि बाबा टिकैत के आदर्शों को दिल्ली बार्डर पर ट्रैक्टर से कुचला गया। किसान नेता व विचारक अशोक बालियान व सुभाष चौधरी ने बाबा टिकैत के साथ अपने संस्मरण सुनाए। इस दौरान राजमोहन, हर्षित बालियान, पुनीत वशिष्ठ, कुशपुरी, कपिल चौधरी, नरेंद्र प्रमुख, ब्रजबीर, सुनील प्रधान, अनुज प्रधान, भूपेंद्र, रामेश्वर, शिशपाल, बिजेंद्र राजपाल, कुलदीप व जितेन्द्र आदि मौजूद रहे।