शाहजहांपुर: शाहजहांपुर में दो दिसंबर को दिनदहाड़े ओसीएफ के रामलीला मैदान में आयुष की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में पुलिस अब तक छह आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। इनमें मृतक की प्रेमिका काजल भी शामिल है।
शाहजहांपुर के ओसीएफ रामलीला मैदान में आयुष गुप्ता हत्याकांड को प्रेम प्रसंग व वर्चस्व की लड़ाई के चलते अंजाम दिया गया। रेस्टोरेंट में खाना खाकर बाहर निकलते समय प्रेमिका के सामने बेइज्जती होने के बाद दोनों गुटों में अहम का टकराव हो गया था। दोनों पक्षों में पहले लाठी-डंडे चले। इसके बाद आयुष को दौड़ाकर गोली मारी गई।
एक दिसंबर को आयुष अपनी बाइक पर बैठाकर प्रिंस की पत्नी पलक और साली काजल को लेकर गया था। वहां प्रिंस ने उन्हें साथ देख लिया। प्रिंस ने उसकी सरेराह गाली-गलौज करते हुए बेइज्जती कर दी थी। दोनों शराब के नशे में बताए गए। पुलिस की जांच में एक नया तथ्य सामने आया कि अगले दिन आयुष ने कॉल कर प्रिंस को बुलाया था। जबकि, पहले यह बताया जा रहा था कि प्रिंस ने आयुष को कॉल की थी।
आयुष को उम्मीद नहीं थी कि प्रिंस इतने ज्यादा युवाओं को इकट्ठा कर लेगा। आयुष ने अपने साथियों को कैंट आने को कहा था। उसने पूरी जानकारी नहीं बताई थी। इस वजह से उसके पक्ष के युवा अधूरी तैयारी के साथ पहुंचे। प्रिंस पक्ष के लड़के डंडे और असलाह लेकर पहुंचे थे। इसी बीच गाली-गलौज का विरोध जताया। विरोध बढ़ने पर असलाह लहराए गए। गाली-गलौज के बाद दोनों पक्षों के लोग भिड़ गए। तीन राउंड फायर किए गए थे। आयुष पक्ष के लोगों में भगदड़ मच गई।
पुलिस के अनुसार, भागते समय गोली चलाई, जो आयुष के सिर में लग गई। घटना के बाद हमलावर भाग गए। आयुष को गोली किसने मारी, यह स्पष्ट नहीं हो पाया है। मृतक के परिजन ने अरविंद द्वारा गोली मारने का आरोप लगाया है। वहीं, पुलिस प्रिंस को मुख्य आरोपी मान रही है। प्रिंस की निशानदेही पर ही तमंचा बरामद किया गया है। पुलिस की जांच में स्पष्ट हो गया कि प्रेम-प्रसंग के चलते ही हत्या की घटना को अंजाम दिया गया। पत्नी पलक व साली काजल जब आयुष की बाइक पर बैठकर घूमने जाते थे तो प्रिंस चिढ़ता था। इसे लेकर प्रिंस व उसकी पत्नी में मनमुटाव हो गया था।
आयुष के पिता दिलीप गुप्ता की ओर से 13 नामजद समेत 14 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। सदर थाने के इंस्पेक्टर रहे रवींद्र सिंह ने घटना के दूसरे दिन ही आशुतोष उर्फ प्रिंस राजपूत, आर्यन उर्फ शुभांकर और मृतक की प्रेमिका काजल को गिरफ्तार कर लिया था। उनके हटाए जाने के बाद नवागत इंस्पेक्टर सुरेंद्र सिंह ने धरपकड़ अभियान को शुरू किया।
जांच में प्रकाश में आए रामचंद्र मिशन क्षेत्र के मोहल्ला चमकनी निवासी मोहित, मिश्रीपुर निवासी अमन खां को गिरफ्तार कर लिया। इसके अतिरिक्त नामजद आरोपी पीयूष राठौर निवासी जलालनगर बजरिया को दबोच लिया। पीयूष के पिता सर्वेश राठौर मिठाई कारोबारी हैं। पीयूष पर पूर्व में एक मुकदमा पंजीकृत है। इंस्पेक्टर सदर ने बताया कि आरोपियों ने किसी अन्य व्यक्ति द्वारा झगड़े के लिए उकसाकर मैदान पर भेजे जाने की बात स्वीकारी है।
घटना के साक्ष्यों को जुटाने में पुलिस लगी है। ओसीएफ मैदान में विवाद से पहले दोनों पक्षों के युवकों के इकट्ठा होने, मैदान तक आने और भागने के रास्तों पर लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाला गया। उनमें नजर आए चेहरों की पहचान कराकर तलाश शुरू कर दी गई है।
पुलिस की चार टीमों ने घटना में शामिल अन्य आरोपियों की तलाश तेज कर दी है। पुलिस ने हिंदू युवा वाहिनी के पूर्व जिलाध्यक्ष स्वप्निल शर्मा समेत अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी को कई जगह पर दबिश दी है। पुलिस का दावा है कि जल्द ही गिरफ्तारी कर ली जाएगी। पुलिस की टीम हत्यारोपियों के परिवार व रिश्तेदारों पर भी शिकंजा कस रही है। कुछ नए नाम भी सामने आए हैं, जिन्हें एसओजी ने बुलाया है। इंस्पेक्टर ने बताया कि जरूरत पड़ी तो स्वप्निल शर्मा की गिरफ्तारी के लिए कोर्ट से वारंट भी लिया जाएगा।
मृतक के पिता ने अरविंद पर गोली चलाकर हत्या का आरोप लगाया था। पुलिस उसे अभी तक खोज नहीं पाई है। चर्चा है कि अरविंद ने सरेंडर करने के लिए कोर्ट में अर्जी दी है। वहीं, दूसरी ओर अन्य गिरफ्तार आरोपियों को रिमांड पर लिया गया।
सीओ सिटी पंकज पंत ने बताया कि मामले की विवेचना चल रही है। वायरल वीडियो को जांच में शामिल किया जा रहा। जो भी चेहरे सामने आ रहे हैं, उन पर कार्रवाई की जा रही है। फरार आरोपियों को भी जल्द ही गिरफ्तार कर लेंगे।