मेरठ। पुलिस कांस्टेबल भर्ती में अभ्यर्थी से रिश्वत मांगने के आरोपी बागपत निवासी डॉ. दिव्य कुमार राणा और उनके कार चालक बुलंदशहर के आदित्य को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। शारीरिक मानक परीक्षण के दौरान सीने का कम फुलाव की बात कहकर डाॅक्टर ने चालक के माध्यम से 50 हजार रुपये की मांग की थी। बागपत के टीकरी गांव निवासी अभ्यर्थी निखिल राठी ने सिविल लाइन थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस की प्रारंभिक जांच में आरोप सही पाए गए हैं। मुकदमे में भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा भी बढ़ाई गई है।

पुलिस कांस्टेबल भर्ती की लिखित परीक्षा पास करने के बाद निखिल राठी का शनिवार को पुलिस लाइन में प्रमाण-पत्रों का सत्यापन और शारीरिक मानक परीक्षण था। वह अपने पिता के साथ मेरठ आया था। पिता पुलिस लाइन के बाहर रुक गए, वह अंदर चला गया। यहां उसकी लंबाई और सीना की माप की गई। आरोप है कि डॉक्टर ने सीने का फुलाव कम बताते हुए कहा कि पुलिस लाइन के गेट नंबर तीन के बाहर गाड़ी संख्या-7065 खड़ी है, वहां जाकर बात कर लो।

निखिल पुलिस लाइन के बाहर आया तो इस नंबर की गाड़ी उसे नहीं मिली। उसने भीतर जाकर डॉक्टर को यह बात बताई। डॉक्टर ने उसके पिता का मोबाइल नंबर लेकर किसी को व्हाट्सएप पर भेजा। कुछ देर बाद उसके पिता के मोबाइल नंबर पर एक कॉल आई। कॉलर ने बेटे के सीने का फुलाव पूरा कराने का रेट 50 हजार बताते हुए रुपये मांगे। उसने बताया कि वह गाड़ी संख्या-7065 में बैठा है। निखिल के पिता ने गाड़ी तलाश कर उसमें बैठे चालक से बात की। चालक ने फिर से मेडिकल में पास कराने की एवज में 50 हजार रुपये की मांग दोहराई। निखिल के पिता ने कहा कि वह परिजनों से बात करके बताएंगे। इसके बाद मोबाइल से गाड़ी का फोटो ले लिया।

चालक ने उन्हें फाेटो लेते देख लिया और वह गाड़ी लेकर भाग निकला। मामला उच्चाधिकारियों के संज्ञान में आने पर निखिल राठी की शिकायत पर जबरन वसूली और उप्र सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। आरोपी चालक से बातचीत की ऑडियो भी पुलिस को सौंपी गई थी।

भर्ती प्रक्रिया के जिले के नोडल अधिकारी और एसपी ट्रैफिक राघवेंद्र कुमार मिश्रा ने बताया कि शुरुआती जांच में आरोप सही पाए जाने पर पुलिस ने आरोपी डॉ. दिव्य कुमार राणा निवासी बड़ौत जिला बागपत और बुलंदशहर के थाना पहासू के गांव खेड़ा निवासी आदित्य को गिरफ्तार कर लिया। दोनों के मोबाइल भी पुलिस ने कब्जे में ले लिए हैं। मामले में भ्रष्टाचार अधिनियम की वृद्धि कर आरोपियों का चालान कर दिया गया।

ये मामला सामने आने पर पुलिस भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता भी सवालों के घेरे में आ गई है। बताया जा रहा है कि निखिल राठी शारीरिक मानक परीक्षण में फिट था। इसके बाद भी उसे अनफिट बताकर डॉक्टर ने रिश्वत की मांग की। वसूली के लिए अपने चालक को पुलिस लाइन के बाहर गाड़ी में बैठा रखा था। निखिल के पिता की सजगता से आरोपी पकड़े गए। आशंका जताई जा रही है कि अन्य अभ्यर्थियों को भी भर्ती प्रक्रिया से बाहर करने की धमकी देकर वसूली की गई है। हालांकि एसपी ट्रैफिक ने ऐसा कोई और मामला या शिकायत न आने की बात कही है।

आरोपी चिकित्सक करीब छह वर्षों से सरूरपुर सीएचसी में मेडिकल ऑफिसर के पद पर तैनात है। करीब चार वर्ष तक वह कस्बा करनावल में स्थित पीएचसी पर प्रभारी के पद पर तैनात था। पिछले एक वर्ष से आपातकाल ड्यूटी कर रहा था। जबकि वर्तमान में पुलिस भर्ती प्रक्रिया में ड्यूटी चल रही थी। सरूरपुर सीएचसी में भी डॉ. दिव्य कुमार राणा विवादों से घिरा रहा। कई बार मरीजों के परिजनों के साथ इलाज के दौरान विवाद हुआ। करीब चार माह पूर्व एक मीडियाकर्मी से कवरेज के दौरान मोबाइल छीनने को लेकर भी विवाद हुआ था। मामले में स्थानीय लोगों ने आपस में समझौता कर दिया था। बताया गया कि आराेपी चिकित्सक की माता व पिता पेंशनर हैं। जबकि पत्नी भी सरकारी चिकित्सक हैं।

डॉक्टर की गिरफ्तारी के संबंध में पुलिस से रिपोर्ट मिल गई है। भर्ती बोर्ड की ओर से जो रिपोर्ट मिलेगी, उसे महानिदेशक स्वास्थ्य को भेजा जाएगा।